बीजापुर: यूबीजीएल सेल की चपेट में आए जवान देवेंद्र सेठिया का बलिदान

बीजापुर जिले के उसूर थाना क्षेत्र के गलगम इलाके में एरिया डॉमिनेशन पर निकली सीआरपीएफ की टीम में तैनात जवान देवेंद्र कुमार सेठिया यूबीजीएल सेल ब्लास्ट होने से जख्मी हो गए थे। घटना के बाद उनको उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां इलाज के दौरान देवेंद्र कुमार सेठिया बलिदान हो गए। 

पुलिस के मुताबिक गलगम पोलिंग बूथ से 500 मीटर की दूरी पर एरिया डॉमिनेशन पर पार्टी निकली थी। तभी जवान देवेंद्र कुमार सेठिया चपेट में आ गए थे। 

  
घटना पर सीएम साय ने जताया दुख

वहीं घटना पर सीएम साय ने दुख जताया था। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा था कि बस्तर लोकसभा में जारी मतदान के बीच बीजापुर में UBGL ब्लास्ट होने से मतदान केंद्र की सुरक्षा में लगे एक जवान के घायल होने की दुःखद सूचना प्राप्त हुई है। घायल जवान के उचित इलाज के निर्देश दिए हैं और उसकी हालत खतरे से बाहर है। जवान के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।


आईईडी ब्लास्ट में एक जवान घायल

वहीं मतदान के बीच दूसरी घटना बीजापुर जिले के ही भैरमगढ़ ब्लॉक के चिह्का में हुई जहां आईईडी ब्लास्ट में एक जवान के घायल होने की जानकारी मिल रही है। जिले के भैरमगढ़ ब्लॉक के अतिसंवेदनशील ग्राम चिह्का में एरिया डॉमिनेशन के दौरान आईईडी ब्लास्ट होने से सीआरपीएफ के सहायक सेनानी मनु एचसी घायल हो गए हैं। उन्हें बायें हाथ और बायें पैर में चोट आई है। यह घटना चिह्का पोलिंग बूथ के आसपास के दायरे में एरिया डॉमिनेशन के दौरान हुई है। घायल को प्राथमिक उपचार के बाद ईवाक्यूएट किया जा रहा है।

Sacrifice of soldier Devendra Sethia who came under the grip of UBGL cell in Bijapur

जगदलपुर कोतवाली थाना क्षेत्र के धोबीगुड़ा में रहने वाले देवेंद्र सेठिया आज सुबह हुए यूबीजीएल ब्लास्ट में बलिदान हो गए। जवान के पार्थिव शरीर को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज डिमरापाल लाया गया जहाँ शनिवार को पीएम के बाद परिजनों को सौंप दिया जाएगा। शहीद जवान के छोटे भाई का आज जन्मदिन भी है जिसे सुबह मैसेज किया था, लेकिन दोपहर के बाद अचानक से घर में जवान के बलिदान होने की जानकारी मिले ही   परिजनों में मातम पसर गया। 

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीजापुर जिले के उसूर थाना क्षेत्र के ग्राम गलगम में एक सीआरपीएफ की पार्टी एरिया डोमिनेशन के लिए निकली थी, इसी दौरान यूबीजीएल ब्लास्ट होने से कॉस्टेबल देवेंद्र के पैर, कमर और हाथ मे गंभीर चोट आई, जिसे बेहतर उपचार के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया। गंभीर हालत को देखते हुए मेकाज हेलीकॉफ्टर की मदद से भेजा गया। मेकाज पहुँचने से पहले देवेंद्र सेठिया बलिदान हो गए।  

पांच भाई बहनों में दूसरे नम्बर के देवेन्द्र

शहीद कांस्टेबल देवेन्द्र सेठिया के परिजनों ने बताया कि वर्ष 2013 में देवेंद्र ने सीआरपीएफ ज्वाइन किया था, उसके बाद कई वर्ष तक असम में पदस्थ रहने के बाद करीब 2 वर्ष पहले भद्राचलम में सीआरपीएफ बटालियन में रहने के बाद करीब 8 माह पहले 196 बटालियन बीजापुर गया, जनवरी में दियारी त्यौहार होने के कारण करीब 1 माह की छुट्टी लेकर आया हुआ था, फिर वापस अपने ड्यूटी बीजापुर चला गया, 19 अप्रैल की करीब सुबह 3 बजे अपने छोटे भाई योगेंद्र को फोन पर जन्मदिन का संदेश भी भेजा उज़के बाद अपने साथियो के साथ सर्चिंग में चला गया,

कोविड में हो चुकी है पिता की मौत

जवान देवेंद्र सेठिया के पिता महेश सेठिया का निधन 2021 में कोविड के दौरान हुआ था, जिसके बाद से घर की जिम्मेदारी देवेंद्र के ऊपर ही थी, जबकि छोटा बेटा योगेंद्र घर में रहकर खेती किसानी का काम देख रहा था, शहीद जवान की बड़ी बहन के बाद देवेंद्र था उसके बाद अन्य भाई बहन भी हैं। 

जवान की नहीं हुई थी शादी

शहीद जवान देवेंद्र अविवाहित थे, देवेंद्र अपने पुराने घर को बनवाने के बाद परिजनों से शादी की बात कही थी।

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