पोषण अभियान के अंतर्गत 21 मार्च से चार अप्रैल तक राष्ट्रीय पोषण पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इसके अंतर्गत स्वस्थ बच्चों की पहचान के लिए पारंपरिक और आधुनिक संसाधनों को एकीकृत करते हुए विभिन्न् गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। पोषण पखवाड़ा के अंतर्गत पौष्टिक आहार तथा पारंपरिक भोजन को बढ़ावा देने के लिए जिले के सभी आंगनबाड़ी और मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों में जागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है।
इस अभियान के अंतर्गत महिलाओं को एनीमिया की रोकथाम और पोषण प्रबंधन के प्रति जागरूक किया जा रहा है। पोषण पखवाड़ा के अंतर्गत जिले के सभी आठ परियोजनाओं में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों में व्यंजन प्रदर्शनी, पौष्टिक व्यंजन प्रतियोगिता, सुपोषण चौपाल, नारा लेखन, मैराथन दौड़, पोषण वाटिका जैसी गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है।
अभियान के अंतर्गत एनीमिया जागरूकता शिविर के माध्यम से महिलाआंे को एनीमिया से मुक्त करने के संबंध में जानकारी दी जा रही है। पोषण पखवाड़ा के अंतर्गत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा गर्भवती शिशुवती तथा कुपोषित बच्चों की माताओं से गृह भेंट कर स्वास्थ्य खानपान तथा स्वछता संबंधी जरूरी सलाह भी दी जा रही है। इस पोषण पखवाड़े के अंतर्गत जागरूकता अभियान में विभिन्न् विभागों के स्थानीय संगठन, जनप्रतिनिधि, स्वसहायता समूह, कृषक समूह तथा यूथ क्लब जैसे संगठन भी अपनी सक्रिय भूमिका निभा रहे है।
जिले के विकासखडांे और ग्राम स्तर पर बेहतर समन्वय स्थापित करते हुए इस अभियान के अंतर्गत कुपोषण मुक्ति की दिशा सराहनीय प्रयास किया जा रहा है। गौरतलब है कि वर्तमान में जिले में कुपोषण को दूर करने के लिए महिला एव बाल विकास विभाग की ओर से कई सारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। साथ ही आंगनबाड़ियों में भी बच्चों और उनके अभिभावकों को प्रेरित करने का काम किया जा रहा है।