मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को एक साल का समय बाकी है। इससे पहले ही राजनीति दलों के आरोप प्रत्यारोप तेज हो गए है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भाजपा पर निशाना साधा है। कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा कि जिनकी सरकार में प्रदेश में आदिवासी वर्ग पर अत्याचार व दमन में देश शीर्ष पर है, दमन के आंकड़ों में प्रतिवर्ष बढ़ोतरी हो रही है। जिनकी सरकार में आदिवासी वर्ग के साथ नेमावर, सिवनी, नीमच , खरगोन की घटनाओं सहित प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में विभत्स व देश भर में प्रदेश को शर्मशार करने वाली घटनाएं घटी हो, वो आज खुद का आदिवासी वर्ग का हितैषी बता रहे है, कांग्रेस को कोस रहे है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आज आदिवासी वर्ग को बाटने का काम भी भाजपा व उससे जुड़े संगठन ही कर रहे है। इसकी सच्चाई भी आदिवासी वर्ग खुद जानता है। आदिवासी वर्ग के जनप्रतिनिधियो के साथ भी कैसा व्यवहार किया जा रहा है, यह भी सभी देख रहे है। भाजपा कितना भी झूठ परोस ले, यह वर्ग गुमराह होने वाला नहीं है।
बीजेपी भी अदिवासी वोटरों को साधने की रणनीति पर काम कर रही है। हाल ही में प्रदेश बीजेपी की कोर कमेटी और बीजेपी प्रशिक्षण शिविर में आदिवासी वर्ग के वोटरों को लेकर चर्चा हुई। इसमें उन क्षेत्रों में पकड़ मजबूत करने और जयस, गोंडवाड़ा पार्टी के प्रभाव वाले क्षेत्रों पर फोकस करने पर जोर दिया गया है।
दरअसल प्रदेश में 230 में से 47 सीटें अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है। 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी से 15 से ज्यादा सीटें छीन ली थी। इसके बाद बीजेपी सत्ता से बाहर हो गई थी। हालांकि बाद में ज्योतिरादित्य सिंधिया की मदद से बीजेपी ने दोबारा सरकार बनाई। दोनों ही दल अनुसूचित जनजाति वर्ग के वोटरों को साधने के लिए जोर लगा रहे है।