भाजपा के विधायक, एमएलसी और सांसदों ने हर विधानसभा क्षेत्र में 500 पदाधिकारियों की बैठक की

महाराष्ट्र की सियासी लड़ाई सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर आ गई है। उद्धव ठाकरे की शिवसेना और एकनाथ शिंदे का बागी गुट अपने अपने दावे कर रहा है। वहीं  महाराष्ट्र की सड़कों पर भी एक दूसरे केखिलाफ प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं। अब कहा जा रहा है कि बीजेपी की तरफ से भी इसके मद्देनजर तैयारी की जा रही है। रविवार को पार्टी के 16 विधायक, पांच एमएलसी और सांसदों ने हर विधानसभा क्षेत्र में 500 पदाधिकारियों की बैठक की, जिसमें आने वाले दिनों में जो घटनाक्रम देखने को मिल सकता है, उसकी आधारशिला रखी गई। पार्टी कार्यकर्ताओं को आगाह भी किया गया कि वे अति उत्साही न हों क्योंकि लड़ाई शिवसेना के दो समूहों के बीच थी और भाजपा का इससे कोई लेना-देना नहीं था।

शहर के सभी 36 विधानसभा क्षेत्रों में कार्यकारिणी की बैठक हुई। विधायकों ने अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में और एमएलसी और सांसदों ने उन निर्वाचन क्षेत्रों में बैठक की जहां पार्टी के विधायक नहीं हैं। बीएमसी चुनावों पर भी चर्चा हुई और इसके साथ ही अगर कोई हिंसा होती है तो उससे कैसे निपटा जाए इसको लेकर भी विचार किया गया। सूत्रों ने बताया कि पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि तीन जुलाई को बागी विधायक गुवाहाटी से आने वाले हैं तो बड़ी संख्या में हवाईअड्डे पर इकट्ठा हों। शिवसेना नेताओं द्वारा जिस भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है और हिंसा की जा रही है इसके मद्देनजर बीजेपी ने अपने कार्यकर्ताओँ से कहा है कि हमें तैयार रहना होगा।

रविवार को पार्टी की राज्य कोर कमेटी के सदस्यों ने भविष्य की रणनीति पर चर्चा करने के लिए विपक्षी नेता देवेंद्र फडणवीस के आवास पर बैठक की। उपस्थित लोगों में राज्य भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल और विधायक गिरीश महाजन और आशीष शेलार शामिल थे। एक अन्य विधायक सुधीर मुनगंटीवार वस्तुतः बैठक में शामिल हुए। सूत्रों ने कहा कि भाजपा द्वारा महाराष्ट्र में सरकार बनाने का दावा करने पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इसके साथ ही ये भी खबर आई थी कि बागी विधायकों ने एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की थी, सूत्रों ने कहा कि पार्टी की इस पर कोई राय नहीं है।

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