मुजफ्फरनगर। समाजवादी पार्टी ने प्रेस वार्ता के दौरान मौलाना कलीम सिद्दीकी पर लगाए गए आरोपों की निंदा की। सपा जिलाध्यक्ष प्रमोद त्यागी एडवोकेट ने कहा कि भाजपा 2022 विधानसभा चुनाव से पहले हिंदू-मुस्लिम कार्ड खेलकर चुनाव का ध्रुवीकरण कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर मौलाना पर कोई आरोप हैं तो पहले उसकी जांच की जाती। जब उन पर आरोप तय हो जाते तो गिरफ्तारी की जाती, लेकिन बिना जांच किए ही मौलाना की गिरफ्तारी बेहद अफसोस जनक है। समाजवादी पार्टी इसकी निंदा करती है।
बता दें कि शुक्रवार को मुजफ्फरनगर के समाजवादी पार्टी कार्यालय पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक आयोजित की गई। बैठक में मौलाना कलीम सिद्दीकी की गिरफ्तारी की सभी ने निंदा की। उन्होंने कहा कि मौलाना कलीम सिद्दीकी का सम्पूर्ण इतिहास साम्प्रदायिक सौहार्द व एक सम्मानित इस्लामिक विद्वान का रहा है। एक सम्मानित व्यक्ति की पहले गिरफ्तारी व बाद में जांच समझ से परे है। उन्होंने कहा कि मौलाना की गिरफ्तारी योगी सरकार ने बहुत जल्दबाजी में की है, जो उनकी मंशा पर सवाल खड़ा करती है।
उन्होंने कहा कि किसी सम्मानित व्यक्ति की गिरफ्तारी से पहले सघन जांच की जाती। जांच में अगर तथ्य सही पाए जाते तो उनकी गिरफ्तारी की जाती है। उन्होंने कहा कि अनेक मामलों में इसी तरह की गिरफ्तारी के बाद कोर्ट ने सभी आरोपों को गलत मानकर अधिकतम प्रकरण में सभी को बरी भी किया है। सघन जांच के बिना गिरफ्तारी और कोर्ट द्वारा ऐसे प्रकरणों में उनको बाइज्जत बरी करना, आखिर फिर इतने दिनों तक उनके उत्पीड़न का जिम्मेदार कौन होगा।
उन्होंने कहा कि बिना जांच मौलाना कलीम सिद्दीकी की गिरफ्तारी किए जाने पर एक सम्मानित शख्सियत का अपमान व उत्पीड़न बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रकरणों में बिना जांच के जेल भेजने और बाद में निर्दोष सिद्ध होने पर भी उनका सम्मान वापस नहीं होता है। समस्त क्षेत्र उनकी उदारता एवं विद्वता की प्रशंसा करता रहा है। समाजवादी पार्टी इस प्रकरण की जिस प्रकार यह घटित किया गया है, उसकी निंदा करती है।