एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान पर आतंकवाद फैलाने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने पाकिस्तान को मानवता के लिए खतरा करार देते हुए कहा कि उसका पूरा इतिहास आतंकवाद के समर्थन से भरा हुआ है। ओवैसी ने शनिवार को एक साक्षात्कार में कहा कि भारत को अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह लंबे समय से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का शिकार रहा है।
ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान ने मुहम्मद जिया-उल-हक के दौर से लेकर कंधार विमान अपहरण, 26/11 मुंबई हमले, संसद पर हमला, उरी, पठानकोट, रियासी और हाल ही में पहलगाम में पर्यटकों की हत्या तक, आतंकवादी गतिविधियों में अपनी भूमिका साबित की है। उन्होंने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और गुप्त सेना (डीप स्टेट) पर भारत में अस्थिरता फैलाने के प्रयासों का भी आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि 1947 में जम्मू-कश्मीर में कबायली हमलावरों को भेजना पाकिस्तान की पहली साजिश थी और तब से लेकर आज तक वह इसी राह पर चल रहा है।
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में ओवैसी की भूमिका
केंद्र सरकार ने सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को अंतरराष्ट्रीय राजधानियों में भेजने का निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य भारत की आतंकवाद विरोधी स्थिति को वैश्विक मंचों पर मजबूती से पेश करना है। इस योजना में असदुद्दीन ओवैसी को भी एक प्रतिनिधिमंडल का सदस्य नियुक्त किया गया है। ओवैसी ने इसे अपनी जिम्मेदारी मानते हुए कहा कि वह भारत के पक्ष को पूरी गंभीरता से प्रस्तुत करेंगे।
पाकिस्तान के इस्लामिक राष्ट्र होने के दावे पर तंज
पाकिस्तान द्वारा खुद को इस्लामिक राष्ट्र के रूप में प्रस्तुत करने पर ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि भारत में लगभग 20 करोड़ मुसलमान रहते हैं और पाकिस्तान का यह दावा कि वह इस्लामिक राष्ट्र है, पूरी तरह गलत है।
कर्नल सोफिया कुरैशी पर टिप्पणी की निंदा
मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह द्वारा सेना अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर की गई टिप्पणी पर भी ओवैसी ने नाराजगी जताई। उन्होंने इसे साम्प्रदायिकता फैलाने वाला बयान बताते हुए कहा कि भाजपा को मंत्री को बर्खास्त कर जेल भेजना चाहिए। ओवैसी ने कहा कि कर्नल सोफिया देश की बेटी हैं और भारतीय सेना का अभिन्न हिस्सा हैं। ऐसी टिप्पणी से भारत की समावेशी छवि पर असर पड़ता है।