काशी स्टेशन के कायाकल्प के लिए 125 मकानों पर चला बुलडोजर

वाराणसी में काशी स्टेशन के कायाकल्प के लिए किला कोहना में बुधवार को बुलडोजर और जेसीबी से अतिक्रमण हटाए गए। दो दशक से अवैध कब्जे में बने 125 मकानों को जमींदोज कर दिया गया। इसके साथ ही अस्थाई निर्माण को भी रेलवे ने ढहाया। एसडीएम सदर, एसीपी कोतवाली पुलिस फोर्स की मौजूदगी में रेलवे अधिकारियों की टीम ने सुबह से शाम तक कार्रवाई की। इस दौरान बस्ती के कुछ लोगों ने मकान ढहाने का विरोध किया, लेकिन अफसरों ने किसी की नहीं सुनी।

कैंट स्टेशन के एईएन रेलवे आकाशदीप के नेतृत्व में कर्मचारियों की टीम सुबह नौ बजे जेसीबी, ट्रैक्टर के साथ आदमपुर पुलिस फोर्स की मौजूदगी में राजघाट के पास किला कोहना पहुंची। टीम के पहुंचने पर कब्जाधारक जेसीबी देखते ही सामान समेटने लगे। एक से डेढ़ घंटे की मोहलत के बाद जेसीबी और बुलडोजर ने अपना काम शुरू किया।

आशियाने पर जेसीबी चलता देख कई परिवारों के सदस्य बिलख पड़े, कुछ ने रेल अधिकारियों से कई बार मिन्नतें की। कुछ विरोध दर्ज कराने भी पहुंचे, लेकिन पुलिस फोर्स की मुस्तैदी के चलते उनकी एक न चली।

छोड़े गए धर्मस्थल

Bulldozers run over 125 houses for rejuvenation of Kashi Railway station

आकाशदीप ने बताया कि काशी स्टेशन के सौंदर्यीकरण के लिए किला कोहना में 125 मकानों को जमींदोज कर दिया गया है। ये सभी रेलवे की जमीनें थीं। अतिक्रमण की जद में रेलवे के दो ब्लॉक के आठ क्वार्टर भी आए, उन्हें भी ढहा दिया गया। सिर्फ धर्मस्थलों को छोड़ा गया। गुरुवार से मलबा हटाने का काम शुरू होगा।

आंखों में आंसू लिए हाथ जोड़कर अधिकारियों से गुहार

Bulldozers run over 125 houses for rejuvenation of Kashi Railway station

किला कोहना में एक दशक से रहने वाली सुकुमारी देवी आशियाने पर जेसीबी चलता देख बिलख पड़ी। अधिकारियों के सामने आंखों में आंसू लिए दोनों हाथ जोड़ते हुए कहा कि अब हम अपने परिवार के लेके कहां जाइब ऐ साहेब…यह कहते हुए वह फफक पड़ी। अन्य परिवारों का भी यही दर्द था। छोटे-छोटे बच्चों को लेकर और अपनी गृहस्थी का सामान लेकर लोग वहां से निकल पड़े।

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