जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि नवंबर 2025 कर अवधि से तीन साल या उससे अधिक पुराने जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं किए जा सकेंगे। इस कदम का उद्देश्य कर व्यवस्था को समयबद्ध और पारदर्शी बनाना है।

जीएसटीएन, जो वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली का तकनीकी आधार है, ने जारी परामर्श में कहा कि सभी पंजीकृत व्यवसायों के लिए मासिक, त्रैमासिक और वार्षिक रिटर्न को उनकी नियत तिथि से तीन वर्ष बीत जाने के बाद दाखिल करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

2023 में बदला गया था कानून

सरकार ने वर्ष 2023 में जीएसटी कानून में संशोधन कर रिटर्न दाखिल करने की अधिकतम समय सीमा तीन वर्ष तय की थी। अब यह प्रावधान व्यावहारिक रूप से लागू किया जा रहा है।

जीएसटीएन के अनुसार, यह प्रतिबंध नवंबर 2025 कर अवधि से लागू होगा। इसका अर्थ है कि जिन रिटर्न की देय तिथि तीन वर्ष या उससे अधिक पहले समाप्त हो चुकी है और नवंबर 2025 तक दाखिल नहीं किए गए हैं, उन्हें अब दाखिल नहीं किया जा सकेगा।

1 दिसंबर 2025 से प्रभावी होगी नई व्यवस्था

29 अक्टूबर को जारी परामर्श में जीएसटीएन ने बताया कि एक दिसंबर 2025 से यह नियम प्रभाव में आ जाएगा। इसके तहत अक्टूबर 2022 माह के लिए जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-3बी फॉर्म तथा वित्त वर्ष 2020-21 के लिए वार्षिक जीएसटीआर-9 दाखिल नहीं किए जा सकेंगे।

नई व्यवस्था के लागू होने के बाद कारोबारी वर्ग को अपने लंबित रिटर्न शीघ्र जमा करने की सलाह दी गई है, ताकि किसी प्रकार की कानूनी या वित्तीय दिक्कत से बचा जा सके।