त्योहारी मौसम में सोने की कीमतों में लगातार उछाल जारी है। धनतेरस और दीपावली से पहले गोल्ड के दाम नई ऊंचाइयों पर पहुंच चुके हैं। परंपरागत रूप से सोना न सिर्फ त्योहारों में शुभ माना जाता है, बल्कि यह लंबे समय से निवेश का भी भरोसेमंद माध्यम रहा है।

पिछले कुछ वर्षों में जहां फिजिकल गोल्ड की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, वहीं सरकारी सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है। 2017-18 सीरीज़ III में निवेश करने वालों को अब 338 प्रतिशत तक का रिटर्न मिल रहा है।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस बॉन्ड सीरीज़ के लिए अंतिम रिडेम्प्शन प्राइस ₹12,567 प्रति ग्राम तय किया है। यह बॉन्ड 9 से 11 अक्टूबर 2017 के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था, जब इसकी कीमत ₹2,866 प्रति ग्राम थी। यानी आठ साल में निवेशकों को प्रति ग्राम लगभग ₹9,701 का लाभ हुआ। इसमें 2.5% का वार्षिक ब्याज शामिल नहीं है, जो अलग से प्राप्त हुआ।

रिडेम्प्शन प्राइस की गणना इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन द्वारा 13 से 15 अक्टूबर 2025 के बीच प्रकाशित 999 प्योरिटी गोल्ड की औसत कीमत के आधार पर की गई है।

सुरक्षित और लाभकारी विकल्प

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स को भौतिक सोने के सरकारी समर्थित विकल्प के रूप में शुरू किया गया था। ये बॉन्ड न केवल सोने की कीमतों पर आधारित होते हैं, बल्कि निवेशकों को नियमित ब्याज भी प्रदान करते हैं। इस वजह से ये दीर्घकालिक निवेशकों के लिए एक सुरक्षित और लाभदायक साधन माने जाते हैं।

आरबीआई के दिशा-निर्देशों के अनुसार, निवेशक इश्यू की तारीख से पांच साल बाद भी एग्जिट का विकल्प चुन सकते हैं। हालांकि, अगर बाजार में सोने की कीमतें गिरती हैं, तो निवेशकों को कैपिटल लॉस का खतरा हो सकता है।

इन बॉन्ड्स में निवेश भारतीय निवासी, ट्रस्ट, विश्वविद्यालय, चैरिटेबल संस्थान और हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) कर सकते हैं। जो निवेशक बाद में अनिवासी भारतीय बन जाते हैं, वे भी अपनी मेच्योरिटी या प्रीमेच्योर रिडेम्प्शन तक इन बॉन्ड्स को रख सकते हैं।

त्योहारों के इस मौसम में जब सोने की चमक बढ़ रही है, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स ने यह साबित कर दिया है कि समझदारी से किया गया निवेश लंबे समय में कितना सुनहरा साबित हो सकता है।