नई दिल्ली: अमेरिकी फार्मा सेक्टर पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ कदमों का असर अब धीरे-धीरे दिखने लगा है। अमेरिकी कंपनियां घरेलू बाजार के बजाय विदेशी निवेश की ओर रुख कर रही हैं, जिससे भारत सहित अन्य देशों को फायदा होने की संभावना है। इसी कड़ी में अमेरिका की बड़ी दवा कंपनी Eli Lilly ने सोमवार को भारत में 1 बिलियन डॉलर (करीब 8,800 करोड़ रुपए) के निवेश की योजना की घोषणा की।
कंपनी का यह निवेश अगले कुछ वर्षों में नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट और क्वालिटी फैसिलिटी के निर्माण में खर्च होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को मजबूती देने में मदद करेगा, खासकर ऐसे समय में जब अमेरिकी सरकार फार्मा सेक्टर पर उच्च टैरिफ लगाने की तैयारी में है।
कौन-कौन सी दवाओं का उत्पादन करेगी Eli Lilly?
Eli Lilly के अनुसार, यह निवेश कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग क्षमता को बढ़ाएगा और मोटापा, डायबिटीज, अल्जाइमर, कैंसर और ऑटोइम्यून बीमारियों जैसी दवाओं की वैश्विक सप्लाई को बेहतर बनाएगा। इसके साथ ही भारत का हेल्थकेयर सेक्टर भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान हासिल कर सकेगा।
कंपनी का प्रोफ़ाइल
140 साल पुरानी Eli Lilly अमेरिका की टॉप-5 दवा कंपनियों में शामिल है। इसका मार्केट कैप 795 बिलियन डॉलर (करीब 70 लाख करोड़ रुपए) से अधिक है। कंपनी के 18 देशों में कार्यालय हैं और करीब 125 देशों में दवाएं सप्लाई होती हैं। इस कंपनी के पास लगभग 47,000 कर्मचारी कार्यरत हैं।
भारत में निवेश का कारण
कंपनी ने बताया कि भारत में निवेश का निर्णय देश की कुशल मानव संसाधन, मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर और निवेश अनुकूल नीतियों पर भरोसे को दर्शाता है। Eli Lilly भारत को अपने वैश्विक हेल्थकेयर नेटवर्क का महत्वपूर्ण केंद्र बनाने की योजना बना रही है।
हैदराबाद में मैन्युफैक्चरिंग हब
कंपनी हैदराबाद में नई मैन्युफैक्चरिंग और क्वालिटी फैसिलिटी स्थापित करेगी, जो पूरे भारत में कंपनी के कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग नेटवर्क की निगरानी करेगी और उन्नत तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध कराएगी।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा,
"Eli Lilly का विस्तार दर्शाता है कि हैदराबाद अब ग्लोबल हेल्थकेयर इनोवेशन का केंद्र बन चुका है। कंपनी ने यहां पहले ही इनोवेशन साइट शुरू की थी और अब नया मैन्युफैक्चरिंग हब भी तैयार होगा।"
Eli Lilly इंटरनेशनल के प्रेसिडेंट पैट्रिक जॉनसन ने कहा,
"यह निवेश भारत को हमारे वैश्विक नेटवर्क का अहम हिस्सा बनाएगा। हमें विश्वास है कि भारत हेल्थकेयर मैन्युफैक्चरिंग का नया केंद्र बनेगा।" कंपनी ने इंजीनियर, केमिस्ट, एनालिटिकल साइंटिस्ट, क्वालिटी कंट्रोल और मैनेजमेंट जैसे पदों पर तुरंत भर्ती शुरू करने की भी घोषणा की।