नई दिल्ली। 2025 में सोने ने निवेशकों को आश्चर्यचकित कर दिया है। विदेशी बाजारों में सोने की कीमत 4,123 डॉलर प्रति औंस और भारत में 1,26,090 रुपए प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई है। साल की शुरुआत में अमेरिकी डॉलर में सोना 2,600 डॉलर के करीब और भारतीय बाजार में 80,000 रुपए के आस-पास कारोबार कर रहा था। इस तेजी ने निवेशकों में यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या शेयरों की तुलना में सोना बेहतर निवेश विकल्प है।
सोने ने शेयरों को पीछे छोड़ा
2025 में अब तक सोने ने शानदार रिटर्न दिया है। सेंसेक्स और निफ्टी ने इस साल क्रमशः 8% और 9.5% की वृद्धि दर्ज की, जबकि सोने ने 58% का रिटर्न दिया। साल 2024 में सोने का रिटर्न 27% और 2023 में 13% था। इस तेजी के कारण निवेशक शेयर बाजार और सोने के रिटर्न की तुलना कर रहे हैं।
मध्य और लंबी अवधि की तुलना
1 साल के रिटर्न की बात करें तो सोने ने 61% की बढ़त बनाई, जबकि सेंसेक्स सिर्फ 9% बढ़ा। पिछले 3 वर्षों में सोने ने 32% और सेंसेक्स 11% का रिटर्न दिया। 4 साल में सोने ने 23% और सेंसेक्स 9% का रिटर्न दिखाया। 5 साल के आंकड़े भी इसी तरह के रुझान दिखाते हैं—सोने ने 16% और सेंसेक्स 14% रिटर्न दिया।
लंबी अवधि की तुलना में पिछले 25 वर्षों में सोने का CAGR 11.5% और सेंसेक्स का 13% रहा। पिछले 20 साल में सोने ने 11% और सेंसेक्स ने 12% का रिटर्न दिया। पिछले 10, 15 और 20 सालों में दोनों की तुलना लगभग बराबर रही, जो दर्शाता है कि लंबी अवधि में सोने और शेयरों का रिटर्न एक प्रतिस्पर्धी स्तर पर रहा।
सोने में निवेश के लाभ और चेतावनी
सोना अनिश्चित आर्थिक और भू-राजनीतिक परिस्थितियों में सुरक्षित निवेश माना जाता है। हाल ही में केंद्रीय बैंकों की सोने की खरीद में वृद्धि ने भी कीमतों को बढ़ावा दिया। हालांकि, लंबे समय में सोने ने कभी-कभी स्थिरता खोई है; उदाहरण के लिए, नवंबर 1980 में सोने की कीमत 600 डॉलर थी और 25 वर्षों तक उस स्तर से नीचे रही।
विशेषज्ञों का सुझाव है कि रिटेल निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो का 10-15% हिस्सा सोने में निवेश करना चाहिए। फिजिकल गोल्ड की तुलना में गोल्ड ईटीएफ में निवेश करना कम खर्चीला और सुविधाजनक विकल्प माना जाता है।
निष्कर्ष
शॉर्ट और मिड टर्म में सोने ने इक्विटी बाजार को पीछे छोड़ा है, जबकि लंबी अवधि में प्रदर्शन लगभग बराबर रहा है। सोना आर्थिक अस्थिरता और जोखिम के समय निवेशकों के लिए एक सुरक्षित विकल्प साबित होता है, लेकिन पोर्टफोलियो में संतुलित निवेश ही सबसे बुद्धिमानी भरा निर्णय है।