देश में सोना और चांदी की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर दोनों धातुएं सोमवार को अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गईं। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन के मुताबिक, सोमवार को 24 कैरेट सोना 2,404 रुपये चढ़कर 1,04,792 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया, जबकि इससे पहले इसका भाव 1,02,388 रुपये था। वहीं चांदी 5,678 रुपये की तेजी के साथ 1,23,250 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई, जबकि शुक्रवार को इसका दाम 1,17,572 रुपये था।

विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिकी डॉलर की कमजोरी, फेडरल रिजर्व द्वारा सितंबर में ब्याज दर घटाने की संभावना और ट्रंप टैरिफ से जुड़ी अनिश्चितताओं ने सोना-चांदी को मजबूती दी है। जानकारों का अनुमान है कि मौजूदा हालात बने रहे तो इस साल सोना 1.08 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है, जबकि चांदी 1.30 लाख रुपये प्रति किलो का स्तर छू सकती है।

इस साल की शुरुआत से अब तक सोना 28,630 रुपये महंगा हुआ है। 1 जनवरी को 24 कैरेट सोना 76,162 रुपये प्रति 10 ग्राम था, जो अब 1,04,792 रुपये पर पहुंच गया। इसी अवधि में चांदी भी 37,233 रुपये बढ़कर 86,017 रुपये से 1,23,250 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई है। तुलना करें तो वर्ष 2024 में पूरे साल में सोना केवल 12,810 रुपये महंगा हुआ था।

प्रमुख शहरों में सोने के दाम (प्रति 10 ग्राम)

  • दिल्ली: 24 कैरेट – 1,06,030 रुपये | 22 कैरेट – 97,200 रुपये
  • मुंबई: 24 कैरेट – 1,05,880 रुपये | 22 कैरेट – 97,050 रुपये
  • कोलकाता: 24 कैरेट – 1,05,880 रुपये | 22 कैरेट – 97,050 रुपये
  • चेन्नई: 24 कैरेट – 1,05,880 रुपये | 22 कैरेट – 97,050 रुपये

ट्रंप को अदालत से झटका, निवेशकों का रुख सोने की ओर
हाल ही में अमेरिकी फेडरल अपील कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अपने व्यापारिक साझेदार देशों पर लगाए गए ऊंचे आयात शुल्क को अनुचित ठहराया है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट में अपील के लिए 14 अक्टूबर तक इन टैरिफ को बरकरार रखा गया है। इस फैसले के बाद डॉलर कमजोर पड़ा और निवेशकों ने सोने में सुरक्षित पनाहगाह तलाशनी शुरू की।

रुपये में गिरावट और वैश्विक मांग से तेजी को सहारा
सराफा कारोबारियों का कहना है कि रुपये की डॉलर के मुकाबले कमजोरी भी सोने की कीमतें बढ़ने की एक बड़ी वजह है। इसके अलावा चीन और रूस जैसे देशों की ओर से बड़े पैमाने पर सोना खरीदा जा रहा है। रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते जारी अनिश्चितता और भू-राजनीतिक तनावों ने भी निवेशकों को कीमती धातुओं की ओर आकर्षित किया है।