मुंबई। सोने और चांदी के भाव में तेजी का सिलसिला जारी है। मुंबई के सर्राफा बाजार में सोमवार को सोने का हाजिर भाव 1,19,059 रुपये प्रति दस ग्राम तक पहुंच गया। पिछले दस सालों में सोने के रेट लगातार बढ़ रहे हैं और इस साल यह पहली बार 1 लाख रुपये के स्तर को पार कर चुका है। इस तेजी के बीच निवेशक खरीदारी को लेकर सतर्क हैं और कई लोग कीमत गिरने पर निवेश करने की योजना बना रहे हैं।
इस पर विशेषज्ञों की राय अलग-अलग है। नई दिल्ली स्थित 21,000 करोड़ रुपये से अधिक की एसेट मैनेजमेंट कंपनी PACE 360 के को-फाउंडर अमित गोयल ने चेतावनी दी है कि हाल में कीमती धातुओं में आई तेज वृद्धि एक संभावित बुलबुले का संकेत है। उनका कहना है कि आने वाले महीनों में सोने और चांदी की कीमतों में महत्वपूर्ण गिरावट आ सकती है।
विशेषज्ञ का विश्लेषण
अमित गोयल ने बताया कि सोने और चांदी की कीमतों में रिकॉर्ड तोड़ उछाल पिछले 40 साल में केवल दो बार देखा गया है। उन्होंने कहा, "ऐसे मौकों पर अक्सर तेजी के बाद गिरावट आती रही है। मौजूदा उछाल के बाद भी आने वाले समय में सोने और चांदी में मजबूत करेक्शन संभव है।"
यदि गिरावट आती है, तो कीमतें 30-35 प्रतिशत तक कम हो सकती हैं। गोयल ने कहा कि 2007-08 और 2011 में सोने की कीमतों में भारी तेजी के बाद गिरावट आई थी, जो 45 प्रतिशत तक पहुंच गई थी। उनका अनुमान है कि मौजूदा करेक्शन में लगभग एक साल का समय लग सकता है।
सोने की संभावित नई कीमत
अमित गोयल के अनुसार, यदि करेक्शन आता है तो सोने का भाव 2,600-2,700 डॉलर प्रति औंस यानी लगभग 80,000-84,000 रुपये प्रति दस ग्राम तक गिर सकता है। इसके बाद सोना फिर से निवेश के लिए आकर्षक विकल्प बन सकता है।
उन्होंने निवेशकों को सलाह दी है कि मौजूदा उच्च स्तर पर जल्दबाजी में खरीदारी न करें और संभावित गिरावट का इंतजार करें, ताकि लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न हासिल किया जा सके।