सोना और चांदी की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं और अपने उच्चतम स्तर पर हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इस साल सोने की कीमत में 51 फीसदी से ज्यादा और चांदी की कीमत में 69 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है। वहीं, प्लैटिनम ने इस साल लगभग 80 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 50 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है।

प्लैटिनम की मौजूदा कीमत 1,637.75 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच चुकी है, जबकि पिछले साल यह 903.83 डॉलर प्रति औंस था। हालांकि, यह अभी भी मई 2008 के 2,250 डॉलर प्रति औंस के उच्चतम स्तर से करीब 28 फीसदी कम है। विशेषज्ञों के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में प्लैटिनम की कीमत में गिरावट रही, लेकिन 2025 में मांग और सप्लाई में कमी के कारण तेजी देखने को मिल रही है।

सोने और चांदी की कीमतें भी ऐतिहासिक स्तर पर हैं। कॉमेक्स के स्पॉट मार्केट में सोने का भाव 3,977.45 डॉलर प्रति औंस और चांदी का 49 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में इनकी कीमतों में और इजाफा संभव है।

प्लैटिनम की तेजी का मुख्य कारण इसके औद्योगिक उपयोग में वृद्धि और खदानों से सप्लाई में कमी है। दक्षिण अफ्रीका में भारी वर्षा, बिजली कटौती और पानी की कमी के कारण उत्पादन में गिरावट आई है। ग्लोबल मार्केट में 2025 में लगभग 8,50,000 औंस की कमी रहने का अनुमान है, जो लगातार तीसरी बार हो रही है।

इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के अनुसार, ऑटोमोटिव सेक्टर और हाइड्रोजन इकोनॉमी में प्लैटिनम की मांग बढ़ रही है। चीन ने ज्वेलरी प्रोडक्शन में 26 फीसदी वृद्धि करते हुए इसका अधिक आयात किया है। ग्लोबल निवेशकों में प्लैटिनम की मांग में साल-दर-साल लगभग 300 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है।

चॉइस ब्रोकिंग की कमोडिटी रिसर्च एनालिस्ट कावेरी मोरे के अनुसार, प्लैटिनम का भविष्य मजबूत बना रहेगा और सप्लाई में कमी 5 से 8.5 लाख औंस के बीच रहने की संभावना है। तकनीकी विश्लेषण के अनुसार, एलएमई पर 1,753 डॉलर का टारगेट प्लैटिनम के स्थिर रुझान का संकेत देता है।

इस तेजी के चलते निवेशक और इंडस्ट्री दोनों ही सोना, चांदी और प्लैटिनम में अपनी रुचि बढ़ा रहे हैं।