छोटे और मझोले कारोबारियों के लिए केंद्र सरकार ने बड़ी राहत की घोषणा की है। 1 नवंबर से देशभर में “सरल जीएसटी रजिस्ट्रेशन स्कीम” लागू हो गई है। इस नई व्यवस्था के तहत अब कम जोखिम वाले व्यवसायों को जीएसटी रजिस्ट्रेशन केवल तीन कार्यदिवसों में ही मिल जाएगा। सरकार का यह कदम व्यापार शुरू करने की प्रक्रिया को तेज़ और सुगम बनाने की दिशा में एक अहम बदलाव माना जा रहा है।

कम जोखिम वाले व्यवसाय होंगे लाभान्वित
जीएसटी विभाग के अनुसार, यह स्कीम उन्हीं व्यापारियों के लिए लागू होगी जिन्हें जीएसटी सिस्टम के डेटा विश्लेषण के आधार पर “लो-रिस्क” यानी कम जोखिम वाला वर्गीकृत किया गया है। साथ ही, ऐसे व्यवसाय भी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे जो स्वयं यह घोषणा करते हैं कि उनका मासिक आउटपुट टैक्स ₹2.5 लाख से अधिक नहीं है। कारोबारी अपनी इच्छा के अनुसार इस स्कीम में शामिल हो सकते हैं और चाहें तो इससे बाहर भी निकल सकते हैं।

96 प्रतिशत नए आवेदकों को फायदा मिलने की उम्मीद
गाज़ियाबाद में सीजीएसटी भवन के उद्घाटन समारोह में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस योजना से लगभग 96 प्रतिशत नए जीएसटी आवेदकों को लाभ होगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आवेदन प्रक्रिया को बिना किसी रुकावट और पारदर्शी तरीके से पूरा किया जाए। सीतारमण ने सीबीआईसी (CBIC) को निर्देश दिया है कि जीएसटी सेवा केंद्रों पर विशेष हेल्प डेस्क स्थापित किए जाएं, ताकि कारोबारियों को पंजीकरण प्रक्रिया में मदद मिल सके।

देश में पहले से 1.54 करोड़ पंजीकृत व्यवसाय
वर्तमान में देशभर में लगभग 1.54 करोड़ व्यवसाय जीएसटी के दायरे में हैं। सरकार का मानना है कि “सरल जीएसटी रजिस्ट्रेशन स्कीम” के लागू होने से नए उद्यमियों को कर प्रणाली से जुड़ने में आसानी होगी, जिससे टैक्स बेस में वृद्धि और पारदर्शिता में सुधार आएगा।

Ease of Doing Business को मिलेगा बल
सरकार की यह पहल “Ease of Doing Business” को बढ़ावा देने की दिशा में एक और बड़ा कदम मानी जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्कीम से नए कारोबारियों को बिना अतिरिक्त कागजी झंझट के औपचारिक अर्थव्यवस्था में शामिल होने का मौका मिलेगा। इससे छोटे उद्यमों को न सिर्फ विकास का अवसर मिलेगा, बल्कि कर संग्रहण प्रणाली भी अधिक मजबूत और पारदर्शी बनेगी।