डिजिटल युग के तेजी से बढ़ते प्रभाव के बीच सरकार पारंपरिक मीडिया — खासकर प्रिंट, रेडियो और टेलीविजन — को मजबूती देने के लिए कई अहम कदम उठाने जा रही है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को बताया कि सरकार रेडियो उद्योग में मौजूद नियामक अड़चनों को दूर करने और टीआरपी (टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट) प्रणाली में व्यापक सुधार की दिशा में काम कर रही है।

मंत्री ने कहा कि जहां भी नियामक रुकावटें हैं, उन्हें हटाने की कोशिश जारी है। उन्होंने बताया कि टीवी रेटिंग्स प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए नए दिशानिर्देश तैयार किए जा रहे हैं। “पहला परामर्श चरण पूरा हो चुका है और सुझाव मिलने के बाद जल्द ही दूसरा ड्राफ्ट जारी किया जाएगा,” उन्होंने कहा।

सरकार यह भी सुनिश्चित करना चाहती है कि सरकारी विज्ञापनों से टीवी चैनलों को निष्पक्ष राजस्व मिले। इसके अलावा, प्रिंट और टेलीविजन मीडिया के लिए विज्ञापन दरों में बढ़ोतरी पर भी विचार किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, सरकारी विज्ञापन दरों में 26 प्रतिशत वृद्धि को लेकर प्रस्ताव तैयार है, जिसकी अधिसूचना 15 नवंबर के बाद जारी की जा सकती है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि मंत्रालय समाचार पत्रों के पंजीयक (RNI), केंद्रीय संचार ब्यूरो (CBC) और प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) के एकीकरण पर काम कर रहा है, जिससे सरकारी संचार और मीडिया आउटरीच में बेहतर तालमेल स्थापित हो सके।

उन्होंने यह भी जानकारी दी कि वीडियो और ऑनलाइन सामग्री की सच्चाई की जांच के लिए एक फैक्ट-चेकिंग चैटबॉट विकसित किया जा रहा है, जो गलत सूचनाओं पर रोक लगाने में मदद करेगा।

वैष्णव ने कहा कि पीआईबी अब अपने शोध और बैकग्राउंड दस्तावेजों को नियमित रूप से जारी कर रहा है, जिससे मीडिया को सटीक जानकारी प्राप्त करने में आसानी हो सके।

यह कदम ऐसे समय में उठाया जा रहा है जब डिजिटल प्लेटफॉर्म के विस्तार से पारंपरिक मीडिया की आय और विश्वसनीयता दोनों पर असर पड़ रहा है। सरकार चाहती है कि यह बदलाव संतुलित तरीके से हो और देश के मीडिया उद्योग को दीर्घकालिक स्थिरता मिल सके।