नई दिल्ली। भारत में अमीरी तेजी से बढ़ रही है और करोड़पति परिवारों की संख्या में हाल के वर्षों में बड़ा उछाल देखा गया है। मर्सिडीज-बेंज हुरुन इंडिया वेल्थ रिपोर्ट 2025 के अनुसार, 2021 से अब तक भारत में करोड़पति परिवारों की संख्या लगभग 90% बढ़ गई है। इसका मतलब यह है कि जितने लोग पहले अमीर थे, उनकी संख्या अब दोगुनी से भी ज्यादा हो गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कुल संपत्ति 8.5 करोड़ रुपये या उससे अधिक रखने वाले परिवारों की संख्या 4.58 लाख से बढ़कर 8.71 लाख हो गई है। अब ऐसे परिवार पूरे देश के कुल परिवारों का 0.31% हैं, जबकि 2021 में यह आंकड़ा केवल 0.17% था।
शेयर बाजार और नए व्यवसायों का योगदान
विशेषज्ञों के अनुसार इस बढ़ोतरी में शेयर बाजार में निवेश और नए व्यवसायों के विकास का बड़ा योगदान रहा है। 2017 से 2025 के बीच संपत्ति वाले परिवारों की संख्या में 445% की वृद्धि हुई है। राज्यों और शहरों की आर्थिक प्रगति भी इस वृद्धि को सहारा देती है।
कौन से राज्य और शहर हैं सबसे आगे
महाराष्ट्र सबसे अधिक करोड़पति परिवारों वाला राज्य बन गया है, जहां 1.78 लाख परिवारों के पास कम से कम 8.5 करोड़ रुपये की संपत्ति है। मुंबई अकेले ही भारत की करोड़पति राजधानी बन चुकी है, जहां 1.42 लाख परिवार रहते हैं। दिल्ली में 79,800 और तमिलनाडु में 72,600 करोड़पति परिवार हैं।
दिल्ली के बाद बेंगलुरु, अहमदाबाद, पुणे, हैदराबाद और गुरुग्राम जैसे शहर भी तेजी से आर्थिक केंद्र बन रहे हैं और इन शहरों में करोड़पतियों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है।
भविष्य की संभावनाएं
हुरुन इंडिया के संस्थापक अनस रहमान जूनैद का कहना है कि भारत में समृद्धि की गति तेज है। हालांकि अभी भारत की करोड़पतियों की संख्या अमेरिका या चीन जैसी देशों से कम है, लेकिन आने वाले दस वर्षों में यह संख्या 17 लाख से 20 लाख तक पहुंच सकती है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि वृद्धि मुख्य रूप से मध्यम स्तर के करोड़पतियों में होगी। 2017 में केवल 5% ही 100 करोड़ रुपये से अधिक संपत्ति वाले अल्ट्रा-हाई-नेट-वर्थ ब्रैकेट में थे, जबकि अरबपतियों की संख्या बहुत ही कम, केवल 0.01%, थी।