रिलायंस इंडस्ट्रीज की 48वीं वार्षिक आम बैठक (AGM) में चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि भारत विकास की रफ्तार पकड़ चुका है और अब उसे कोई रोक नहीं सकता। उन्होंने स्पष्ट किया कि बहुप्रतीक्षित जियो का आईपीओ 2026 की पहली छमाही तक लाने की तैयारी है।
मुकेश अंबानी ने कहा कि भारत पहले ही दुनिया की शीर्ष चार अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की जीडीपी सबसे तेज़ी से बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि भारत को किसी वैश्विक मॉडल की नकल की आवश्यकता नहीं है, बल्कि “इंडिया-फर्स्ट मॉडल” ही भविष्य का मार्गदर्शन करेगा। यह मॉडल डीप टेक्नोलॉजी पर आधारित होकर देश की सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण और नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने पर केंद्रित होगा।
जियो– 50 करोड़ ग्राहक और एआई आधारित सेवाएँ
जियो के चेयरमैन आकाश अंबानी ने बताया कि कंपनी 50 करोड़ से अधिक ग्राहकों को सेवा दे रही है और अब पूरी तरह एक डीप-टेक कंपनी बन चुकी है। उन्होंने कहा कि जियो 5जी से लेकर एआई-आधारित समाधान तक स्वदेशी तकनीक पर खड़ा है। जियो एयरफाइबर आज विश्व की सबसे बड़ी फिक्स्ड वायरलेस ब्रॉडबैंड सेवा है, जो हर महीने 10 लाख से अधिक घरों तक पहुँच रही है।
रिलायंस रिटेल– ‘राष्ट्रीय आंदोलन’
ईशा अंबानी ने कहा कि रिलायंस रिटेल अब केवल कारोबार नहीं, बल्कि एक “राष्ट्रीय आंदोलन” बन चुका है, जो उपभोक्ताओं और उत्पादकों दोनों को लाभ पहुंचा रहा है। कंपनी का सकल राजस्व 8% बढ़कर ₹3,30,943 करोड़ और EBITDA 8.6% बढ़कर ₹25,094 करोड़ तक पहुँच गया है।
ऊर्जा सुरक्षा पर अनंत अंबानी
पहली बार एजीएम में शामिल हुए अनंत अंबानी ने कहा कि कंपनी का अन्वेषण और उत्पादन (E&P) कारोबार भारत की ऊर्जा सुरक्षा की नींव है और देश की प्राकृतिक गैस उत्पादन में लगभग 30% योगदान देता है। FY25 में इस क्षेत्र ने ₹21,188 करोड़ का रिकॉर्ड EBITDA हासिल किया।
वैश्विक साझेदारियाँ
बैठक के दौरान मुकेश अंबानी ने नई सहायक कंपनी ‘रिलायंस इंटेलिजेंस’ लॉन्च की और गूगल व मेटा के साथ साझेदारी की घोषणा की। डिज्नी के सीईओ बॉब इगर ने भारत को कंपनी के लिए “सबसे रोमांचक और अहम बाजार” बताया।