भारत से जुड़ा एक बड़ा बैंकिंग डेटा इंटरनेट पर लीक होने की खबर सामने आई है। साइबर सुरक्षा कंपनी अपगॉर्ड के अनुसार, लाखों भारतीय बैंक खातों के ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड असुरक्षित अमेजन S3 क्लाउड सर्वर पर उजागर हो गए। इसमें खाताधारकों के नाम, बैंक अकाउंट नंबर, ट्रांजैक्शन राशि और संपर्क जानकारी जैसी संवेदनशील जानकारियां शामिल थीं।
लीक का पता कैसे चला
अपगॉर्ड के शोधकर्ताओं ने अगस्त के अंत में यह लीक पाया। उन्होंने अमेजन-होस्टेड स्टोरेज सर्वर पर लगभग 2 लाख 73 हजार पीडीएफ फाइलें खोजीं। इनमें भारतीय ग्राहकों के बैंक ट्रांसफर रिकॉर्ड शामिल थे, जिनमें अधिकांश NACH (नेशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस) से संबंधित थीं। एनएसीएच एक केंद्रीकृत भुगतान सिस्टम है, जिसका इस्तेमाल बैंक बड़े पैमाने पर सैलरी ट्रांसफर, लोन रीपेमेंट और बिल भुगतान के लिए करते हैं।
कौन-कौन से बैंकों का डेटा लीक हुआ
अपगॉर्ड ने बताया कि लीक डेटा कम से कम 38 बैंकों और वित्तीय संस्थानों से जुड़ा था। सबसे ज्यादा दस्तावेज़ Aye Finance से संबंधित थे। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) का नाम भी कई फाइलों में मौजूद था।
संस्थान और NPCI की प्रतिक्रिया
लीक की जानकारी संबंधित संस्थानों और NPCI को दी गई थी। इसके बावजूद शुरुआती सितंबर तक यह डेटा इंटरनेट पर खुला रहा। बाद में CERT-In को सूचित कर सर्वर को सुरक्षित किया गया। हालांकि, अब तक किसी भी संस्था ने इस लापरवाही की जिम्मेदारी स्वीकार नहीं की। NPCI ने स्पष्ट किया कि उनका सिस्टम सुरक्षित है और कोई डेटा लीक नहीं हुआ। Aye Finance और SBI ने इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया।
डेटा सुरक्षा और डिजिटल प्राइवेसी पर सवाल
यह घटना भारत में डिजिटल सुरक्षा और प्राइवेसी को लेकर गंभीर चिंताएं फिर से बढ़ा देती है। ग्राहकों के निजी डेटा की सुरक्षा कब और कैसे सुनिश्चित होगी, इसका अभी कोई ठोस जवाब नहीं मिल सका है।