नीदरलैंड की प्रमुख सेमीकंडक्टर कंपनी एएसएमएल के ग्लोबल पब्लिक अफेयर्स के उपाध्यक्ष फ्रैंक हेम्सकर्क ने यूरोपीय संघ (ईयू) की नीतियों पर सार्वजनिक रूप से सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यूरोपीय कंपनियों और निवेशकों के लिए ईयू के नेताओं से मिलना बेहद कठिन है, जबकि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और व्हाइट हाउस के अधिकारियों के साथ संवाद करना अपेक्षाकृत आसान है।
ब्रसेल्स में आयोजित पोलिटिको के प्रतिस्पर्धी यूरोप शिखर सम्मेलन में हेम्सकर्क ने बताया कि एएसएमएल के सीईओ क्रिस्टोफ फौक्वेट की प्रधानमंत्री मोदी के साथ दो घंटे की बातचीत हुई। प्रधानमंत्री ने निवेश और सहयोग को बेहतर बनाने के सुझाव मांगे। हेम्सकर्क ने कहा, "व्हाइट हाउस में किसी वरिष्ठ अधिकारी से मिलना आसान है, लेकिन यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और अन्य नेताओं से बैठक करना चुनौतीपूर्ण है। यूरोपीय नेताओं को उन कंपनियों के साथ संवाद करना चाहिए, जो बड़े पैमाने पर निवेश कर रही हैं।"
उन्होंने एएसएमएल और फ्रांस की एआई कंपनी मिस्ट्राल के बीच हाल ही में 1.3 अरब यूरो की डील का भी जिक्र किया। यह समझौता औद्योगिक एआई क्षेत्र पर केंद्रित है और यूरोप की तकनीकी स्वतंत्रता के लिए महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
हेम्सकर्क ने भारत में सेमीकंडक्टर क्षेत्र में हुए विकास की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत ने चिप निर्माण में महत्वपूर्ण प्रगति की है। पिछले महीने पीएम मोदी को देश में निर्मित पहली चिप सौंपी गई। दिसंबर 2021 में भारत सेमीकंडक्टर मिशन की शुरुआत हुई थी, जिसमें 76,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया। इसका उद्देश्य भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स और चिप निर्माण का प्रमुख केंद्र बनाना है।