सहकारी क्षेत्र जल्द ही राइड-हेलिंग उद्योग में कदम रखने जा रहा है। वर्ष 2025 के अंत तक ‘भारत ब्रांड’ के तहत एक नई टैक्सी सेवा की शुरुआत की जाएगी, जिसका उद्देश्य निजी टैक्सी प्लेटफॉर्म्स को चुनौती देना है। इस परियोजना के लिए 300 करोड़ रुपये की अधिकृत पूंजी तय की गई है, और प्रारंभिक चरण में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में 200 टैक्सी चालकों को इससे जोड़ा जा चुका है।
इस बहु-राज्य सहकारी टैक्सी उपक्रम का पंजीकरण 6 जून को किया गया था। यह पहल आठ प्रमुख सहकारी संस्थाओं के साझा प्रयास का परिणाम है, जिनमें राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी), इफको, कृभको, नाबार्ड, एनडीडीबी, एनसीईएल और अमूल ब्रांड चलाने वाला जीसीएमएमएफ शामिल हैं।
ड्राइवरों को मिलेगा बेहतर लाभ, उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण सेवा
एनसीडीसी के उप प्रबंध निदेशक रोहित गुप्ता के अनुसार, इस पहल का मुख्य उद्देश्य ड्राइवरों को उचित आय देना और उपभोक्ताओं को सुरक्षित, विश्वसनीय और किफायती सेवा उपलब्ध कराना है। यह सेवा पूरी तरह सहकारी संस्थाओं द्वारा वित्तपोषित है और इसमें सरकार की कोई हिस्सेदारी नहीं होगी।
टैक्सी सेवा के लिए एक आधुनिक राइड-हेलिंग ऐप विकसित किया जा रहा है, जिसके लिए तकनीकी भागीदार के चयन की प्रक्रिया जारी है। दिसंबर तक यह ऐप लॉन्च होने की संभावना है। इसके लिए आईआईएम बेंगलुरु और एक टेक्नोलॉजी कंसल्टिंग फर्म को विपणन रणनीति तैयार करने का ज़िम्मा सौंपा गया है।
सहकारी मॉडल से होगा संचालन
यह सेवा पूरी तरह से सहकारी मूल्य निर्धारण मॉडल पर आधारित होगी, जिससे पारदर्शिता और सामूहिक भागीदारी सुनिश्चित की जा सके। संचालन का दायरा बढ़ाने के लिए सदस्यता अभियान भी चलाया जा रहा है।
यह पहल ऐसे समय में हो रही है जब सहकारी क्षेत्र निजी राइड-हेलिंग कंपनियों के वर्चस्व को चुनौती देने और अपने व्यापक नेटवर्क का उपयोग करते हुए प्रतिस्पर्धा में उतरने की तैयारी कर रहा है।