अगर आप बिना जोखिम के निवेश करना चाहते हैं और चाहते हैं कि आपका पैसा निश्चित समय में बढ़े, तो पोस्ट ऑफिस की नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) योजना आपके लिए एक बेहतर विकल्प हो सकती है। यह योजना केंद्र सरकार द्वारा समर्थित है और पांच साल की अवधि में परिपक्व होती है।
एकमुश्त राशि निवेश करने वालों के लिए बेहतर विकल्प
यदि आपके पास सेवानिवृत्ति लाभ, जमीन की बिक्री से प्राप्त राशि या कोई बड़ी एकमुश्त रकम है, तो NSC में निवेश करके आप इस पर अच्छा ब्याज कमा सकते हैं। इस स्कीम में ब्याज दर तय होती है और आपका मूलधन पूरी तरह सुरक्षित रहता है। खाता खोलने की प्रक्रिया भी आसान है—आप नजदीकी पोस्ट ऑफिस में जाकर आवश्यक दस्तावेज और KYC के साथ इसे खोल सकते हैं।
कौन कर सकता है निवेश?
इस योजना में कोई भी भारतीय नागरिक निवेश कर सकता है। खाता व्यक्तिगत तौर पर या संयुक्त रूप से अधिकतम तीन वयस्कों के साथ खोला जा सकता है। 10 वर्ष या उससे अधिक आयु के बच्चे स्वयं भी खाता खोल सकते हैं, जबकि छोटे बच्चों या मानसिक रूप से अक्षम व्यक्ति के लिए उनके अभिभावक यह खाता खोल सकते हैं। खाते में नॉमिनी नियुक्त करना भी संभव है, और इसमें खातों की संख्या पर कोई सीमा नहीं है।
निवेश सीमा और टैक्स लाभ
न्यूनतम निवेश ₹1,000 से शुरू होता है और अधिकतम राशि की कोई तय सीमा नहीं है। इस योजना में किया गया निवेश आयकर अधिनियम की धारा 80सी के अंतर्गत टैक्स छूट के योग्य होता है, जिसमें ₹1.5 लाख प्रति वर्ष तक की रकम पर कर में छूट मिल सकती है।
ब्याज और रिटर्न
वर्तमान में NSC योजना पर 7.7% वार्षिक ब्याज मिल रहा है, जो कंपाउंडिंग के साथ जुड़ता है। ब्याज की पूरी राशि मैच्योरिटी यानी पांच साल बाद ही प्राप्त होती है। पहले चार वर्षों का ब्याज मूलधन में जुड़ जाता है, जो टैक्स छूट के दायरे में आता है, जबकि अंतिम वर्ष का ब्याज कर योग्य होता है।
लोन की सुविधा भी उपलब्ध
यदि जरूरत हो, तो NSC को बैंक या गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान (NBFC) के पास गिरवी रखकर ऋण लिया जा सकता है। इससे आपकी बचत सुरक्षित रहती है और आपको अचानक पैसे की जरूरत पड़ने पर उसे तोड़ना नहीं पड़ता। हालांकि, यह खाता आमतौर पर पांच साल की अवधि से पहले बंद नहीं किया जा सकता, सिवाय विशेष परिस्थितियों के, जैसे निवेशक की मृत्यु या न्यायिक आदेश।
दंपतियों के लिए भी फायदेमंद
अगर पति-पत्नी दोनों कामकाजी हैं, तो संयुक्त खाता खोलकर निवेश का लाभ दोगुना किया जा सकता है। उदाहरण के तौर पर, यदि दोनों मिलकर ₹9 लाख निवेश करते हैं, तो पांच वर्षों में उन्हें करीब ₹13,04,130 मिल सकते हैं, जिसमें ₹4,04,130 ब्याज के रूप में शामिल होगा।