भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने अक्टूबर बैठक के बाद नीतिगत ब्याज दर (रेपो रेट) को 5.5 प्रतिशत पर यथावत रखने का निर्णय लिया है। यह घोषणा आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को तीन दिवसीय बैठक के समापन पर की।

गवर्नर मल्होत्रा ने कहा कि मानसून की अनुकूल स्थिति, मुद्रास्फीति में कमी और नीतिगत स्थिरता जैसे कारकों के चलते देश की आर्थिक वृद्धि को मजबूती मिलने की संभावना बनी हुई है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मौद्रिक नीति का रुख 'तटस्थ' बना रहेगा।

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) को अधिक तार्किक बनाने से महंगाई नियंत्रण में मदद मिलेगी और उपभोग व निवेश दोनों को प्रोत्साहन मिलेगा।

आरबीआई प्रमुख ने दूसरी तिमाही में घरेलू आर्थिक गतिविधियों में मजबूती की बात कही, हालांकि उन्होंने आगाह किया कि कुछ टैरिफ और वैश्विक घटनाक्रम इस वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में विकास की रफ्तार को प्रभावित कर सकते हैं।

इसके साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि जीएसटी सुधार और अन्य नीतिगत पहलें बाहरी दबावों से आर्थिक प्रणाली को बचाने में मदद करेंगी। चालू खाता घाटे को लेकर उन्होंने विश्वास जताया कि मजबूत प्रवासी धन-प्रेषण (remittance) के चलते यह संतुलन में बना रहेगा।