नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने चेक क्लीयरेंस प्रणाली में बड़ा बदलाव करते हुए नया नियम लागू कर दिया है। 4 अक्टूबर 2025 से लागू इस व्यवस्था के तहत अब ग्राहकों के चेक कुछ ही घंटों में क्लियर हो जाएंगे। पहले जहां इसमें दो दिन तक का समय लगता था, वहीं अब लगभग रियल-टाइम सेटलमेंट संभव होगा।
नए प्रावधानों के अनुसार, सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक एक ही प्रेजेंटेशन सेशन होगा। इस दौरान, चेक प्राप्त करने वाली बैंक को चेक स्कैन कर क्लीयरिंग हाउस भेजना होगा। क्लीयरिंग हाउस उन चेक की तस्वीर संबंधित बैंकों को लगातार भेजेगा, जिससे सेटलमेंट तुरंत किया जा सकेगा।
दो चरणों में लागू होगी नई व्यवस्था
आरबीआई ने इस बदलाव को दो चरणों में लागू करने का फैसला किया है।
-
पहला चरण (4 अक्टूबर 2025 – 2 जनवरी 2026): इस अवधि में चेक की पुष्टि शाम 7 बजे तक करनी होगी। यदि बैंक पुष्टि नहीं करता, तो चेक को स्वत: स्वीकार मान लिया जाएगा और सेटलमेंट में शामिल कर लिया जाएगा।
-
दूसरा चरण (3 जनवरी 2026 से आगे): इस चरण में पुष्टि का समय बदलकर टी+3 घंटे कर दिया जाएगा। यानी चेक मिलने के तीन घंटे के भीतर पुष्टि करनी होगी। इसके बाद भी यदि पुष्टि न हो, तो इसे स्वीकार मानते हुए सेटलमेंट किया जाएगा।
ग्राहकों को सीधा लाभ
वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार, इस बदलाव से ग्राहकों को बड़ी राहत मिलेगी। चेक से मिलने वाली राशि कुछ ही घंटों में उनके खाते में जमा हो जाएगी। खासतौर पर उन क्षेत्रों में, जहां डिजिटल लेन-देन का ढांचा अभी पूरी तरह विकसित नहीं है, यह कदम बेहद मददगार साबित होगा।
लेन-देन का बढ़ता आंकड़ा
आरबीआई के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) के तहत करीब 609.54 मिलियन लेन-देन हुए थे, जिनका कुल मूल्य ₹71.13 ट्रिलियन रहा। वहीं चालू वित्त वर्ष 2025-26 में अब तक चेक लेन-देन का मूल्य ₹29.39 ट्रिलियन तक पहुंच चुका है।