वित्त मंत्रालय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के शीर्ष अधिकारियों के साथ अगली पीढ़ी के बैंकिंग सुधारों पर चर्चा करेगा। इस दो दिवसीय बैठक का उद्देश्य देश में बैंकिंग सेवाओं को और सरल बनाना है। सूत्रों के अनुसार, ‘पीएसबी मंथन’ 12 सितंबर से शुरू होगा, जिसमें सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुख अधिकारी हिस्सा लेंगे।
बीते अनुभव और ईएएसई सुधार
इस तरह का पिछला मंथन अप्रैल 2022 में हुआ था। तब पीएसबी के शीर्ष नेतृत्व ने वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के तहत उन्नत पहुंच और सेवा उत्कृष्टता (ईएएसई) सुधारों को अगले स्तर तक ले जाने पर विचार किया था। ईएएसई की नींव नवंबर 2017 में आयोजित पहले ‘पीएसबी मंथन’ की सिफारिशों पर रखी गई थी। पिछली बैठक में छह कार्य समूह गठित किए गए थे, जिनका उद्देश्य बैंकों के कामकाज की समीक्षा करना और ग्राहक सेवा, डिजिटलीकरण, मानव संसाधन प्रोत्साहन, कॉर्पोरेट प्रशासन व सहयोग में सुधार के उपाय सुझाना था।
रिकॉर्ड लाभ और वित्तीय प्रदर्शन
इस बार का मंथन इस पृष्ठभूमि में हो रहा है कि पीएसबी ने मार्च 2025 को समाप्त वित्तीय वर्ष में 1.78 लाख करोड़ रुपये का कुल लाभ अर्जित किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 26 प्रतिशत अधिक है। वित्त वर्ष 2024 में कुल लाभ 1.41 लाख करोड़ रुपये था।
एसबीआई ने वित्त वर्ष 2025 में अकेले 70,901 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया, जो पिछले वर्ष (61,077 करोड़) की तुलना में 16 प्रतिशत अधिक है। वहीं, पंजाब नेशनल बैंक का शुद्ध लाभ 102 प्रतिशत बढ़कर 16,630 करोड़ रुपये और पंजाब एंड सिंध बैंक का 71 प्रतिशत बढ़कर 1,016 करोड़ रुपये पहुंचा।
चालू वित्त वर्ष की स्थिति
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने कुल मिलाकर 44,218 करोड़ रुपये का लाभ कमाया, जो साल-दर-साल 11 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। इसमें एसबीआई का योगदान अकेले 43 प्रतिशत रहा। जून तिमाही में सभी 12 बैंकों ने 39,974 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया, जिसमें कुल 4,244 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई।
पिछले सुधार और ज्ञान संगम
उल्लेखनीय है कि 2015 और 2016 में ‘ज्ञान संगम’ के दो दौर आयोजित किए गए थे। इसके बाद बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में कई सुधार लागू किए गए, जिनमें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और बीमा कंपनियों में निजीकरण समेत कई पहलें शामिल थीं।