केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी को ब्लैकमेल करने के मामले में आरोपियों ने दो करोड़ रुपये ऐंठने के लिए बहुत ही सूझबूझ से काम लिया था, मगर पुलिस के सामने उनकी चाल नहीं चली। आरोपियों ने उनसे पैसे हड़पने के लिए करीब 15 से 20 कॉल किए थे।
ये मंत्री को इंटरनेट से वीआईओपी कॉल करते थे। हर कॉल पर अलग मोबाइल नंबर फ्लैश होता था। नार्थ एवेन्यू थाना पुलिस दो आरोपियों के आवाज के नमूने लेगी। नई दिल्ली जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गिरोह के मास्टरमाइंड कबीर गूगल पर ऐसे नंबर सर्च करता था जो सक्रिय (बंद हो गए थे) नहीं थे।
वह इन नंबरों को अमित कुमार को देता था। अमित इन नंबरों को अश्विनी को देता था और एप के जरिए मोबाइल पर इन नंबरों को फ्लैश करता था। मंत्री के मोबाइल पर जब धमकी भरे फोन जाते थे तो उनके मोबाइल पर हर बार अलग नंबर फ्लैश होता था।
पुलिस ने कबीर की कार भी बरामद कर ली है। ये कार को नोएडा के सेक्टर-15 के पार्क में ले जाते थे और कार में बैठ कर फोन करते थे। नई दिल्ली जिले के पुलिस अधिकारियों के मुताबिक पुलिस अमित व निशांत के आवाज के नमूने लेगी।
केंद्रीय मंत्री को धमकी भरे सबसे ज्यादा करीब 80 फीसदी कॉल अमित ने किए थे। बाकी कॉल निशांत व प्रभात ने की है। प्रभात अभी फरार हैं। पुलिस प्रभात को पकड़ने के लिए कई जगहों पर दबिश दे रही है। पुलिस आरोपियों के मोबाइलों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजेगी, ताकि ये पता लग सके कि व्हाट्सएप चैटिंग पर क्या-क्या बात होती थी। पुलिस का मानना है कि इससे आरोपियों के खिलाफ सबूत मिल पाएंगे।