मेरठ के जागृति विहार निवासी एलएलबी के छात्र यश रस्तोगी की हत्या के मामले में भाजपा और हिंदू संगठन के लोगों का गुस्सा फूट गया। लोगों ने पोस्टमार्टम हाउस पर जमकर हंगामा किया और आरोपियों पर रासुका लगाने की मांग की।
मेडिकल थाना क्षेत्र के जागृति विहार निवासी यश रस्तोगी 26 जून को लापता हो गया था। शनिवार देर रात यश की लाश लिसाड़ी गेट स्थित पुलिस चौकी के पास नाले में मिली। यश अपने परिवार का इकलौता बेटा था। हत्या की जानकारी लगते ही रविवार सुबह से ही उसके घर पर भाजपा और हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं का तांता लगना शुरू हो गया।
दूसरे समुदाय के समलैंगिक युवकों द्वारा हत्या करने को लेकर हिंदू संगठन में जबरदस्त आक्रोश है। आरोपियों पर रासुका और फांसी की कार्रवाई की मांग करते हुए कार्यकर्ताओं ने पोस्टमार्टम हाउस पर जमकर हंगामा किया।
यश के शव को सड़क पर रखकर जाम लगाने की कोशिश भी की गई। घटना की जानकारी लगने के बाद ऊर्जा मंत्री सोमेंद्र तोमर पीड़ित के घर पर पहुंचे और परिवार को सांत्वना दी। एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
ये था पूरा मामला
जागृति विहार सेक्टर छह निवासी अनिल रस्तोगी का 22 वर्षीय बेटा यश रस्तोगी 26 जून की शाम स्कूटी लेकर घर से निकला था लेकिन वापस नहीं आया। देर रात तक परिजन यश को तलाशते रहे। अगले दिन उन्होंने मेडिकल थाने में तहरीर दी। परिजनों ने यश के फोन की डिटेल्स निकलवाई तो कई संदिग्ध नंबर देख उनकी बैचेनी बढ़ी। उन्होंने अपहरण का मुकदमा दर्ज करा दिया।
परिजनों ने एक युवक को भी पकड़कर पुलिस को सौंपा था, जिसकी यश के मोबाइल पर काफी कॉल थीं। बाद में पुलिस ने एक और युवक को हिरासत में ले लिया। इसके बाद मेडिकल इंस्पेक्टर संत शरण सिंह ने यश की तलाश में कई जगह की सीसीटीवी फुटेज खंगाली, हालांकि उनके हाथ कोई ठोस सुराग नहीं लगा था। यश की आखिरी लोकेशन गढ़ रोड प्रीत विहार की मिली थी। शनिवार देर रात उसका क्षत-विक्षत शव लिसाड़ी गेट क्षेत्र में नाले में बोरे में बंद मिला।