कोरोना महामारी के कारण यूपीएससी सिविल सेवा की परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए अभ्यर्थियों को दोबारा मौका देने के मामले में केंद्र सरकार खिलाफ है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर मंगलवार को सुनवाई की। इस दौरान केंद्र से कहा कि वह बीते वर्ष कोविड-19 महामारी के कारण आखिरी प्रयास में परीक्षा में शामिल न हो पाने वाले छात्रों सहित यूपीएससी सिविल सेवा के अभ्यर्थियों को उम्र सीमा पर छूट देने पर राजी नहीं है।
केंद्र की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू के अनुसार शुरुआत में सरकार अतिरिक्त मौका देने के पक्ष में नहीं थी,मगर उसने पीठ के सुझाव पर विचार कर यह फैसला लिया। उन्होंने पीठ से कहा कि यह ऐसी परीक्षा नहीं है,जिसमें आप अंतिम समय में तैयारी कर निकाल लें। लोग वर्षों तक इसके लिए तैयारी करते हैं।
केंद्र की तरफ से न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर के नेतृत्व वाली पीठ को तर्क दिया गया कि ऐसे छात्रों को इस साल एक और मौका देने से दूसरे उम्मीदवारों के साथ भेदभाव होगा। याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।