चंद्रयान-3: रोवर में लगे दूसरे उपकरण ने भी चांद पर सल्फर की पुष्टि की

चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर लैंडिंग करने के बाद रोवर प्रज्ञान और लैंडर विक्रम रोज ही बेहद अहम जानकारियां धरती पर भेज रहा है। इसी बीच चंद्रयान 3 मिशन के प्रज्ञान रोवर ने 30 अगस्त को विक्रम लैंडर से एक तस्वीर खींची है। इस तस्वीर को रोवर पर नेविगेशन कैमरा से लिया गया है। इस संबंध में जानकारी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने साझा की है।

इसरो लगातार चंद्रयान 3 की लैंडिंग के बाद रोवर और विक्रम द्वारा इकट्ठा की जा रही जानकारी को साझा कर रहा है। चंद्रमा पर 23 अगस्त को सफल सॉफ्ट लैंडिंग करने के  बाद रोवर ने पहली तस्वीर ली है। इस फोटो को शेयर करते हुए इसरो ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘‘स्माइल प्लीज (कृपया मुस्कराएं). प्रज्ञान रोवर ने आज सुबह विक्रम लैंडर की तस्वीर खींची है। बता दें कि इसरो ने लैंडर और रोवर को चंद्रमा के एक दिन यानी धरती के कुल 14 दिनों तक काम करने के लिए तैयार किया गया है।

विक्रम रोवर को मिले सल्फर होने के सबूत

इसी बीच लगातार काम कर रहा रोवर प्रज्ञान ने साफ कर दिया है कि चांद की सतह पर सल्फर की उपस्थिति की पुष्टि की है। रोवर पर लगे अन्य उपकरण ने साउथ पोल पर सल्फर की मौजूदगी को दर्ज किया है। इस संबंध में इसरो ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोप ने सल्फर, साथ ही अन्य छोटे तत्वों का पता लगाया है। सीएच-3 की यह खोज वैज्ञानिकों को क्षेत्र में सल्फर के स्रोत के लिए नए स्पष्टीकरण विकसित करने के लिए मजबूर करती है: क्या यह आंतरिक रूप से मौजूद है,  ज्वालामुखीय है या उल्कापिंड जनित है।

बता दें कि इसरो के वैज्ञानिकों को उम्मीद नहीं थी कि चंद्रमा की धरती पर सल्फर मिलेगा। चंद्रयान 3 रोवर प्रज्ञान पर लगे दो उपकरों ने चांद के दक्षिणी ध्रुव इलाके में सल्फर की मौजूदगी की जानकारी दी है। सल्फर के अलावा चंद्रमा की सतह पर एल्युमिनियम, सिलिकॉन, कैल्शियम, आयरन की अपेक्षा थी, जो चंद्रमा की सतह पर मिले है। अब चंद्रयान 3 के जरिए ये खोजने की कोशिश की जा रही है कि चंद्रमा पर चट्टाने किससे बनी है। उच्च भूमि क्षेत्रों से कैसे ये अलग है? प्रज्ञान रोवर अपने वैज्ञानिक उपकरणों के साथ उत्तर खोजने की कोशिश की है।

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