सही तरह से काम कर रहा है चंद्रयान-3, सिस्टम की नियमित जांच भी जारी: इसरो

नई दिल्ली. जहां एक तरफ 23 अगस्त की शाम चंद्रयान-3 (Chandrayan-3) चांद (Moon) पर उतरेगा। वहीं इस ख़ास पल का पूरा देश और विश्व भी इंतजार कर रहा है। चंद्रयान-3 के लैंडर को कल यानी आगामी 23 अगस्त को शाम 6:04 बजे 25 Km की ऊंचाई से लैंड कराने की कोशिश की जाएगी। वहीं चंद्रयान-3 ने अब से कुछ देर पहले चांद की नई तस्वीर जारी की है। जिसे ISRO ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है। वहीं ISRO ने यह भी बताया कि, चंद्रयान-3 सही तरह से काम कर रहा है, वहीं इस से जुड़े सभी सिस्टम की नियमित जांच भी जारी है।

जानकारी दें कि, चंद्रयान-3 के लैंडर को कल यानी 23 अगस्त को शाम 6:04 बजे 25 Km की ऊंचाई से लैंड कराने की कोशिश होगी। हालांकि इसमें 15 से17 मिनट लगेंगे। इस ड्यूरेशन को ’15 मिनिट्स ऑफ टेरर’ यानी ‘खौफ के 15 मिनिट्स’ भी बताया जा रहा है। अगर भारत का चंद्रयान-3 मिशन सक्सेसफुल होता है तो वो चंद्रमा के साउथ पोल पर उतरने वाला पहला देश बन जाएगा।

हालांकि यह भी साफ़ कर दें कि, चंद्रमा पर उतरने से दो घंटे पहले, लैंडर मॉड्यूल की स्थिति और चंद्रमा पर स्थितियों के आधार पर यह तय करेंगे कि उस समय इसे उतारना उचित होगा या नहीं। वहीं अगर कोई भी फैक्टर तय पैमाने पर नहीं रहा तो लैंडिंग फिर आगामी 27 अगस्त को कराई जाएगी।

गौरतलब है कि, चंद्रयान-3 का दूसरा और फाइनल डीबूस्टिंग ऑपरेशन रविवार रात 1 बजकर 50 मिनट पर पूरा हुआ था। इसके बाद लैंडर की चंद्रमा से न्यूनतम दूरी 25 किमी और अधिकतम दूरी 134 किलोमीटर रह गई है। यहां ‘डीबूस्टिंग’ का अर्थ ‘स्पेसक्राफ्ट’ की स्पीड को धीमा करना है। एक ख़ास बात यह भी रही कि, चंद्रयान-2 मिशन के ऑर्बिटर और चंद्रयान-3 के लैंडर के बीच संपर्क स्थापित हो है। वहीं टू-वे कम्युनिकेशन के स्थापित होने के बाद ऑर्बिटर ने लैंडर से, ‘स्वागत है दोस्त’ कहकर अभिवादन भी किया। 

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