आईएसआई एजेंट के संपर्क रहने पर पकड़े गए नौ कुआं रोड के कलीम को तो मुजफ्फरनगर की जेल में भेज दिया गया है। मगर एसटीएफ और पुलिस की जांच में प्रतिदिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं। पुलिस और एसटीएफ की जांच में पता चला है कि सहारनपुर के यूसुफ समसी के अलावा अन्य लोग भी दोनों को सिम उपलब्ध कराते थे। खुफिया एजेंसियों ने गोपनीय तरीके से जांच शुरू कर दी है।
पुलिस और एसटीएफ कलीम की गिरफ्तारी के बाद उसके मोबाइल फोन के माध्यम से लगातार नए खुलासे कर रही है। जांच में सामने आया कि जो अन्य लोग फर्जी सिम उपलब्ध उपलब्ध कराते थे, वह सीधे नहीं बल्कि युसुफ के माध्यम से ही देते थे।
युसुफ ही उनसे फर्जी आईडी पर सिम लेकर दोनों को उपलब्ध कराता था। इसके अलावा तहसीम और कलीम के संपर्क में रहने वाले 20 से अधिक लोगों के बारे में पुलिस और एसटीएफ को जानकारी हुई है। कॉल डिटेल के माध्यम से संपर्क में रहने वालों का ब्योरा जुटाया गया। अब उक्त लोगों से पुलिस और एसटीएफ पूछताछ करेगी। हालांकि, उक्त लोगों का पाकिस्तान से कोई लिंक है या नहीं, यह तो जांच के बाद ही पता लग सकेगा।
सोमवार को भी एसटीएफ, कोतवाली पुलिस ने फरार चल रहे कलीम के भाई तहसीम और सहारनपुर के रहने वाले यूसुफ समसी की तलाश में शामली, सहारनपुर, बिजनौर और मेरठ के कई स्थानों पर दबिश दी मगर सफलता हाथ नहीं लग सकी। एसपी अभिषेक का कहना है कि फरार आरोपियों की तलाश में दबिश दी जा रही है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
एनआईए गोपनीय तरीके से पूरे मामले की ले रही जानकारी
सूत्रों के अनुसार, एनआईए भी गोपनीय तरीके से पूरे मामले की जानकारी हासिल कर रही है। माना जा रहा है कि जल्द ही मामला एनआईए को भी ट्रांसफर हो सकता है। इसके अलावा आईबी के उच्चाधिकारियों की एक टीम भी पल-पल की गतिविधियों की रिपोर्ट मुख्यालय भेज रही है। उधर, पिता नफीस ने कलीम को निर्दोष बताया है। कहा कि पीएम और सीएम को मामले की निष्पक्ष जांच करानी चाहिए।
दहशत से नहीं उबर पा रहे नौ कुआं रोड के लोग
प्रतिदिन पुलिस, एसटीएफ की दबिश के कारण नौ कुआं रोड के लोग दहशत में है। हालांकि, पुलिस ने अन्य किसी भी पड़ोस के लोगों को परेशान नहीं किया है। लोगों का कहना है कि कई बार स्कूल से आते समय पुलिस को देखकर परिवार के बच्चे डर जाते हैं। उन्हें भी परेशानी होती है।