बहुचर्चित सामूहिक हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व सांसद अशोक सिंह चंदेल को गुरुवार को आगरा सेंट्रल जेल से अपहरण, मारपीट और शस्त्र अधिनियम के तीन मुकदमों में पुलिस सुरक्षा के बीच एमपी/एमएलए कोर्ट में पेश किया गया। चंदेल पर धारा 25 और धारा 25/30 आर्म्स एक्ट में आरोप तय हो गए हैं, जबकि अपहरण के एक मामले को अभी होल्ड रखा गया है, इस मामले में सात अक्टूबर को पुन: सुनवाई होगी। चंदेल की पेशी के दौरान समर्थकों का भी कोर्ट परिसर में जमावड़ा रहा, जिन्हें नियंत्रित करने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
दरअसल, वर्ष 2007 में अशोक सिंह चंदेल समेत आठ लोगों के खिलाफ रमेड़ी मोहल्ला निवासी पप्पू कुशवाहा ने सदर कोतवाली में अपहरण और मारपीट की एफआईआर दर्ज कराई थी। घटना 2006 में घटित हुई। 2007 में प्रदेश में बसपा की सरकार बनी तब चंदेल सदर सीट से सपा के विधायक थे। जबकि वर्ष 2002-03 में विकास भवन कुछेछा में जिला पंचायत अध्यक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के दौरान हुए बवाल में भी चंदेल नामजद अभियुक्तों में थे। एक शस्त्र अधिनियम का मामला भी चल रहा था।
चंदेल को आज तीन मामलों दफा 25, दफा 25/30 आर्म्स एक्ट और धारा 364 के मुकदमे में स्थानीय एमपी/एमएलए कोर्ट सीमा देवी की अदालत में पुलिस अभिरक्षा में आगरा की सेंट्रल जेल से पेशी पर लाया गया था। कोर्ट में राज्य की ओर से अभियोजन अधिकारी प्रदीप सरोज ने पैरवी की, जबकि चंदेल की तरफ से कानपुर के वकील सईद नकवी जिरह करने को हाजिर हुए।