छत्तीसगढ़: गौ-पालक महिलाओं ने मुख्यमंत्री को गाय-बछड़ा भेंट किया

राज्य की गौ-पालक महिलाओं और किसानों ने सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर सीएम भूपेश बघेल का स्वागत किया। साथ ही उन्हें गाय-बछड़ा उपहार में भेंट किया। दरअसल राज्य सरकार द्वारा 144 करोड़ रुपये से अधिक की गोबर खरीदी करने पर किसान-गौपालक महिलाएं खुश हैं। 

बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार की प्रभावी ग्रामीण आर्थिक नीतियों में से एक ‘गोधन न्याय योजना’ के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा रिकॉर्ड 144 करोड़ रुपये से अधिक की गोबर खरीदी की गई है। गाय-बछड़े को उपहार में पाकर मुख्यमंत्री बघेल भावुक हो गए और उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के गांव, गरीब, किसानों और महिलाओं के जीवन में आर्थिक समृद्धि और ख़ुशी ही छत्तीसगढ़ मॉडल का मूल उद्देश्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वो तीन करोड़ छत्तीसगढ़वासियों के परिवार के सदस्य हैं और परिवार की ख़ुशी में ही उनकी ख़ुशी है।

छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के सदस्य विनोद तिवारी की अगुवाई में हुए इस कार्यक्रम में गोधन न्याय योजना के लाभार्थी मुख्यमंत्री से मिलने आए थे। छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना से अब तक प्रदेश के लगभग 2 लाख से ज्यादा लोग लाभान्वित हुए हैं। वहीं प्रदेश में गौपालकों की संख्या में 26 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। केवल एक वर्ष के अंदर योजना से लाभान्वित लोगों की संख्या 1,68,531 से बढ़कर 2,11,540 हुई है। गौपालकों की संख्या में वृद्धि, ग्रामीण स्तर पर निरंतर हो रही आर्थिक उन्नति का प्रमाण है। राज्य में 8408 गौठान स्थापित किए गए हैं ताकि लोगों को उनके गांव में ही गोबर बेचने में आसानी हो।  

किसानों और महिलाओं के आर्थिक विकास पर भूपेश सरकार की गोधन न्याय योजना का व्यापक असर हुआ है।

संतोषी यादव ने कहा कि छत्तीसगढ़ के किसानों और महिलाओं के आर्थिक विकास पर भूपेश सरकार की गोधन न्याय योजना का व्यापक असर हुआ है। सरकार ने योजना के अंतर्गत गौ-पालकों से दो रुपये किलो में गोबर ख़रीदा, महिला समूहों से जुड़ी लाखों बहनों को रोजगार और आय का जरिया मिला। साथ ही इस योजना से किसानों का दोहरा लाभ हुआ। गोबर के खाद के इस्तेमाल से खेतों की उर्वरक शक्ति बढ़ी और गौ-पालकों द्वारा गायों को घर में रखने के कारण, आवारा पशुओं द्वारा फसल को किए जाने वाले नुकसान की समस्या से भी छुटकारा मिला।  

किसान मोहित राम ने कहा कि मुख्यमंत्री की गोधन न्याय योजना केवल एक योजना नहीं है बल्कि यह छत्तीसगढ़ की अस्मिता की पहचान है। मानव और गौ के धार्मिक और कृषि गठबंधन को गांव की सामाजिक और आर्थिक समृद्धि का प्रतीक बनाकर मुख्यमंत्री बघेल ने देश को दिशा दिखाने का काम किया है। छत्तीसगढ़ के इतिहास में प्रदेश को पहला ऐसा मुख्यमंत्री मिला है जो स्वयं छत्तीसगढ़ का प्रतीक है- किसान के घर जन्मा, मिट्टी में खेला, खेतों में बढ़ा हुआ और मुख्यमंत्री बनकर ऐसी नीतियां लागू की जो जमीनी स्तर पर ग्रामीण आर्थिक समृद्धि के नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं।  

महिला समूह की बहनों ने गौठान में उगाई हुई सब्जी-भाजी, अगरबत्ती, पापड़, मसाले भी मुख्यमंत्री को भेंट किए। विनोद तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री और लाभान्वित गौ-पालक महिला समूह और किसानों की बीच हुई भेंट के दौरान जो भावुकता और आत्मीयता देखने को मिली, वही ‘गोधन न्याय योजना‘ की सफलता का परिचायक है। रुक्मणि धीवर, संतोषी यादव, दुलारी यादव, राजेश्वरी साहू, फुलेश्वरी यादव, उषा मानिकपुरी, बिसाहिन धीवर, अपराजित तिवारी, सेवक राम साहू, संतराम साहू, बैसाखू राम साहू, पर्यटन साहू, वतन चन्द्राकर, नागेन्द्र चन्द्राकर, डुमेंद्र साहू, बिशहत राम साहू, मोहित राम, बबलू चन्द्राकर, लखन कुम्भकार, लखन निर्मलकर, राजकुमार, तेजराम साहू, खेमराज यादव, महावीर चन्द्राकर, योगेश कुमार, वीरेन्द्र यादव, घनाराम यादव, सहदेव यादव, बेनु निषाद, अर्जुन यादव, पप्पू पुरैना, सूरज खुटे, उमेंद्र छत्रिय, शामिल थे।

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