मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में किसानो के लिए की राहत भरी घोषणा

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बाढ़ के कारण जहां पर किसानों द्वारा फसल नहीं लगायी जा सकी, उन्हें भी मुआवजा दिया जाएगा। इस बाबत उन्होंने पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि जहां फसल नहीं लगी उसे भी क्षति मानते हुए उन सभी किसानों को उचित सहायता उपलब्ध कराएं। साथ ही किसानों की फसल क्षति का भी आकलन कर उन्हें सहायता पहुंचाएं। 

यह निर्णय बुधवार को मुख्यमंत्री द्वारा जिलों के प्रभारी मंत्रियों और आलाधिकारियों के साथ पांच घंटे से अधिक समय तक की गई समीक्षा बैठक में लिया गया। सीएम ने बैठक में बाढ़ से उत्पन्न स्थिति, इसके स्थायी समाधान और राहत कार्य की जानकारी ली। साथ ही, कई निर्देश पदाधिकारियों को दिए। कहा कि इस वर्ष अधिक बारिश होने से नदियों के जलस्तर में वृद्घि के कारण राज्य में बाढ़ की स्थिति बनी। हमने हवाई सर्वेक्षण कर राज्य के सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया।

इसके साथ ही प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों को भी हवाई सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया, ताकि वे अपने जिलों के पूरे क्षेत्रों का ठीक से जायजा ले सकें। प्रभावित लोगों के बीच राहत एवं बचाव कार्य कर उन्हें हरसंभव मदद मुहैया कराई गई। हमने राहत शिविरों में जाकर बाढ़ पीड़ितों के लिए चलाये जा रहे राहत कार्यों एवं वहां की व्यवस्थाओं की जानकारी ली। सभी जिलाधिकारी अभी भी मौसम पूर्वानुमान के आधार पर आगे की स्थिति के लिए सचेत रहें और पूरी तैयारी रखें।  

एक भी आपदा पीड़ित सहायता से वंचित नहीं रहेगा

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि कृषि विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग एवं सभी जिलों के जिलाधिकारी बाढ़ के कारण हुई क्षति का पंचायतवार सही तरीके से आकलन करें। ताकि उसके आधार पर सभी प्रभावितों की मदद की जा सके। कोई भी बाढ़ पीड़ित सहायता से वंचित नहीं रहे, यह सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि तीन से चार दिनों में बाढ़ से हुई क्षति का पूरा आकलन कर लें। इसके बाद जिलों के प्रभारी मंत्री संबंधित जिलों में जाकर डीएम के साथ बैठक कर इसे अंतिम रूप दें। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशु नुकसान का भी ठीक से आकलन कराये और पशुपालकों की सहायता करे।

बाढ़ के स्थायी समाधान की कार्ययोजना बनेगी 

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संसाधन विभाग को निर्देश दिया है कि बाढ़ के स्थायी समाधान के लिए दीर्घकालीन कार्ययोजना बनाकर कार्य करें। ताकि बाढ़ का असर कम-से-कम हो। उन्होंने कहा कि जिलों के उन विशिष्ट क्षेत्रों का भी आकलन कर लें, जहां कम बारिश की स्थिति बन रही हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर वर्ष बाढ़ के कारण बिहार का बहुत बड़ा क्षेत्र प्रभावित होता है, उससे बचाव एवं राहत के लिए हमलोग लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मौसम पूर्वानुमान के अनुसार भविष्य के लिये सचेत रहते हुए पूरी तैयारी रखें। बैठक में उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री रेणु देवी समेत सभी संबंधित विभागों के मंत्री और राज्य सरकार के आलाधिकारी उपस्थित थे। 

7.95 लाख परिवारों के बीच 477 करोड़ वितरित

मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद में हुई समीक्षा में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के जिलाधिकारी भी शामिल हुए। आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से राज्य में बाढ़ एवं कम बारिश के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब तक 7,95,538 परिवारों के बीच 477 करोड़ 32 लाख सहायता राशि का वितरण किया जा चुका है। बाकी बचे लोगों में वितरण 25 सितंबर तक कर दिया जायेगा। बाढ़ से 26 जिलों के 16.60 लाख परिवारों की 69.63 लाख लोग प्रभावित हुए, जिन्हें हरसंभव मदद की जा रही है।

अब तक तीन चरणों, प्रथम चरण- 13 से 17 जून, द्वितीय चरण- एक जुलाई से सात जुलाई, तृतीय चरण- आठ अगस्त से 22 अगस्त में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई है। आपदा पीड़ितों के लिए सभी प्रकार के राहत एवं बचाव कार्य किये गये। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के प्रतिनिधि ने अब-तक की बारिश की स्थिति और पूर्वानुमान की जानकारी दी। संबंधित विभागों और सभी जिलों के जिलाधिकारियों ने अपने-अपने जिलों के आपदा प्रभावित क्षेत्रों, सहायता राशि वितरण, क्षतिग्रस्त सड़कें, फसल क्षति, पशु क्षति आदि के साथ-साथ बाढ़ के दौरान किये गये राहत एवं बचाव कार्योँ की भी जानकारी दी। 

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