भारत-सिंगापुर मध्यस्थता शिखर सम्मेलन में बोले CJI एनवी रमणा- ‘जहां धर्म- वहां जीत’

भारत के मुख्‍य न्‍यायाधीश एनवी रमणा ने शनिवार को भारत सिंगापुर मध्‍यस्‍थता शिखर सम्‍मेलन में कहा कि कई एशियाई देशों में विवादों के सहयोगात्मक और सौहार्दपूर्ण समाधान की एक लंबी और समृद्ध परंपरा रही है. मध्यस्थता भारतीय लोकाचार में गहराई से अंतर्निहित है और अंग्रेजों के आने से बहुत पहले भारत में यह प्रचलित था.

‘सौहार्दपूर्ण समाधान की एक लंबी और समृद्ध परंपरा है’

भारतीय महाकाव्य महाभारत ने मध्यस्थता के प्रयास का एक प्रारंभिक उदाहरण कैसे प्रदान किया, इसपर मुख्य न्यायाधीश एनवी रमणा ने कहा कि भारत और कई एशियाई देशों में विवादों के सहयोगी और सौहार्दपूर्ण समाधान की एक लंबी और समृद्ध परंपरा है. महान भारतीय महाकाव्य, महाभारत, वास्तव में एक संघर्ष समाधान उपकरण के रूप में मध्यस्थता के प्रारंभिक प्रयास का एक उदाहरण प्रदान करता है. जहां भगवान कृष्ण ने प्रयास किया था, पांडवों और कौरवों के बीच विवाद में मध्यस्थता कराने का. मध्यस्थता, एक अवधारणा के रूप में भारतीय लोकाचार में गहराई से अंतर्निहित है.

महाभारत में मध्‍यस्‍थता की विफलता के विनाशकारी परिणाम हुए

सीजेआई ने कहा कि अंग्रेजों के आने से बहुत पहले, विवादों को अक्सर सरदारों या बड़ों द्वारा हल किया जाता था. उन्होंने कहा कि यह याद रखना उचित होगा कि महाभारत में मध्यस्थता की विफलता के विनाशकारी परिणाम हुए. सीजेआई ने भारतीय अदालतों में लंबित मामलों को प्रदर्शित करने वाले अनुमानित आंकड़ों पर भी कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि इस तरह के आंकड़ों का मूल्यांकन करने की प्रणाली सटीक नहीं थी.

लोकतंत्र के संरक्षक के तौर पर खड़ा रहता है सुप्रीम कोर्ट

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि देश के लोग जानते हैं कि जब चीजें गलत होती हैं, तो सर्वोच्च न्यायालय सबसे बड़े लोकतंत्र के संरक्षक के रूप में उनके साथ खड़ा रहेगा. उन्‍होंने कहा कि संविधान ने न्याय प्रणाली में लोगों की अपार आस्था के साथ सर्वोच्च न्यायालय के आदर्श वाक्य यतो धर्म स्थिरो जय को जीवंत किया है. 2021 भारत-सिंगापुर मध्यस्थता शिखर सम्मेलन में वैश्विक दर्शकों को अपने भाषण में उन्होंने समझाया जहां धर्म है, वहां जीत है.

मुख्य न्यायाधीश रमना ने कहा कि राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक सहित कई कारणों से किसी भी समाज में टकराव अपरिहार्य हैं. लेकिन संघर्षों के साथ संघर्ष समाधान के लिए तंत्र विकसित करने की भी आवश्यकता है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here