सीएम अशोक गहलोत आज शाम दिल्ली से जाएंगे मुंबई

Congress President Election: राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को कांग्रेस का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की चर्चा जोरों पर है। लगभग माना जा रहा है कि यह चुनाव तो होगा चुनाव प्रक्रिया के माध्यम से ही, लेकिन राजनीतिक गलियारों में सवाल यह उठ रहा है कि अगर गहलोत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते हैं तो क्या वे पार्टी के सबसे मजबूत राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर अपनी पहचाने बना पाएंगे? राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के साथ ही क्या अशोक गहलोत भारत जोड़ो यात्रा के सबसे बड़े चेहरे के तौर पर राहुल गांधी को रिप्लेस कर सकेंगे? बते दें कि गहलोत ने कहा है कि अगर राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष पद संभालने को तैयार नहीं होंगे तो मजबूरन उन्हें मैदान में उतरना ही होगा।

एक बार और प्रयास करूंगा- गहलोत

कांग्रेस अध्यक्ष पद पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज कहा कि आज देश की जो स्थिति है उसके लिए कांग्रेस का मजबूत होना बहुत जरूरी है। कांग्रेस की मजबूती के लिए जहां मेरी आवश्यकता होगी, मैं पीछे नहीं हटूंगा। उन्होंने ने कहा कि मैंने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अंदर 4-5 दिन पहले प्रस्ताव रखा था कि राहुल गांधी जी को अध्यक्ष पद स्वीकार करना चाहिए। अगर वे पार्टी अध्यक्ष के रूप में दौरा करेंगे तो पार्टी की एक अलग छवि बनेगी। मैं एक बार और प्रयास करूंगा।

गहलोत ने विधायकों की बुलाई थी बैठक

दरअसल, गहलोत ने मंगलवार को अचानक अपने विधायक दल की बैठक बुलाई। इस बैठक में उन्होंने संकेत दे दिया है कि उन्हें दिल्ली जाना पड़ सकता है। गहलोत ने विधायकों को बताया कि अगर उन्हें राज्य से बाहर भी जाना पड़ा तो वह राज्य की देखभाल करते रहें। गौर करने वाली बात ये थी कि इस बैठक में गहलोत को धुर विरोधी सचिन पायलट नहीं थे। बता दें कि सचिन पायलट राहुल की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के लिए केरल में हैं।

राहुल को मना पाएंगे गहलोत ?

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। चुनाव से पहले बुधवार को अशोक गहलोत का दिल्ली पहुंचना बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, सीएम गहलोत पार्टी के प्रमुख नेताओं की पहली पसंद माने जा रहे हैं। ऐसे में गांधी परिवार समेत उन से जुड़े सभी नेता अशोक गहलोत के पक्ष में भी हैं। पार्टी ने अपने सबसे भरोसेमंद नेता अशोक गहलोत को आगे कर चुनाव लड़ने की भूमिका बनानी शुरू की है।

गहलोत ने मंगलवार देर रात जयपुर में पार्टी के विधायकों के साथ बैठक की। बैठक में उन्होंने इस बात की जानकारी दी कि वे बुधवार को दिल्ली पहुंचेंगे और पहले वे राहुल गांधी को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन भरने को राजी करेंगे। इस दौरान अगर बात नहीं बनी तो वह खुद चुनावी मैदान में होंगे और उन्होंने राजस्थान के विधायकों को ऐसे दौर में दिल्ली आने को भी कहा है।

गांधी परिवार के बेहद करीबी हैं गहलोत

सीएम अशोक गहलोत के नाम की चर्चाओं के साथ कांग्रेस पार्टी और राजनीतिक गलियारों में भी कई तरह के कयास लगाए जाने लगे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कहते हैं कि निश्चित तौर पर अशोक गहलोत का नाम आगे करने का सबसे बड़ा मकसद यही है कि वे पार्टी के न सिर्फ वरिष्ठ नेता हैं बल्कि गांधी परिवार के सबसे करीबियों में से भी हैं। यही कारण है कि गांधी परिवार और पार्टी के प्रमुख नेताओं ने गहलोत के नाम को फिलहाल राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में आगे बढ़ाया है। 

थरूर और गहलोत में हो सकता है मुकाबला ?

बता दें कि अनुमान यह भी लगाया जा रहा है कि इस बार कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव दो लोगों के बीच में होगा। दूसरा नाम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर का सबसे आगे चल रहा है। थरूर ने इस संबंध में सोनिया गांधी से मुलाकात भी की है। ऐसे में एक बात तो बिल्कुल स्पष्ट है कि पार्टी ने दो धड़े अब खुलकर आमने-सामने आएंगे। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता सवाल उठाते हुए कहते हैं कि गांधी परिवार जिस नेता को आगे करके चुनाव लड़ाना चाहता है क्या वह चुनाव जीतकर अपनी मनमर्जी से सभी फैसले ले सकेगा या वह भी कठपुतली अध्यक्ष की तरह ही काम करेगा? इसको लेकर राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं हैं। 

राजनीतिक पंडितों का मानना है कि जिस तरीके से भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ‘वन मैन शो‘ की तरह दिख रहे हैं उससे ऐसा कम ही लगता है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष की भूमिका राहुल गांधी की भूमिका से बड़ी होगी। 

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