यूपी में भाजपा सरकार दोबारा बनाने के लिए सीएम ने 200 से ज्यादा चुनावी रैलियां की

सत्ता के संग्राम में चुनावी चक्रव्यूह के सातवें द्वार पर सोमवार को अंतिम घमासान हो जाएगा। इस चरण का प्रचार खत्म होने तक सभी दलों ने अपनी पूरी ताकत चुनावी रण में झोंक दी। मैदान मारने के लिए एक-एक दिन में कई-कई रैलियां व सभाएं की गईं। रथ यात्राएं निकाली गईं। नुक्कड़ सभाओं से भी वोटरों की नब्ज पर हाथ रखने की कोशिश हुई। यदि पूरे चुनाव की बात करें तो सीएम योगी आदित्यनाथ ने रैलियों, सभाओं का दोहरा शतक जड़ा। सपा प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने भी ताबड़तोड़ रैलियों का शतक जड़ा। वहीं बसपा प्रमुख मायावती ने मंडलवार रैलियां कीं।

भाजपा का चला धुआंधार प्रचार
इस चुनाव में भाजपा ने तगड़ा प्रचार किया। लंबी चौड़ी टीम चुनावी रण में उतारी। सीएम योगी ने मजबूती से प्रचार किया और आखिरी चरण तक हाथ आजमाए। आचार संहिता लागू होने के बाद से आखिरी चरण का प्रचार खत्म होने तक उन्होंने 200 से ज्यादा रैलियां, रोड शो किए। प्रचार के आखिरी दिन पांच मार्च को उन्होंने पांच स्थानों पर चुनावी कार्यक्रम किए। एक-एक दिन में सात-सात सभाएं कर उन्होंने मजबूती से वोटरों के सामने अपनी बात रखी। यूपी के अलावा योगी ने उत्तराखंड में भी रैलियां कीं।

पीएम मोदी ने की 27 रैलियां
प्रधानमंत्री मोदी ने भी यूपी के चुनाव को बेहद गंभीरता से लिया। उन्होंने 27 रैलियां और रोड शो किए। वहीं, गृहमंत्री अमित शाह 61 रैलियों व रोड शो में शामिल हुए। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 41 सभाएं कीं। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी रैलियों का शतक लगाया। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव ने 80 और उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने 40 से अधिक सभाएं कीं।

अखिलेश यादव का जोरदार प्रचार
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस चुनाव में जोरदार प्रचार किया। उन्होंने 117 जनसभाएं की। 14 रथ यात्राएं कीं। इनमें से कई आयोजन सहयोगी दलों के साथ हुए। इसके अलावा बड़ी संख्या में नुक्कड़ सभाएं कीं। सातवें चरण में उन्होंने पूरी ताकत झोंक दी और सर्वाधिक रैलियां कीं। 13 फरवरी के बाद तो हर दिन दो से तीन जिलों में जनसभाएं कीं। एक से पांच मार्च के बीच सर्वाधिक चार रैली जौनपुर में की, जबकि आजमगढ़ में दो रैलियां कीं।

प्रियंका के इर्द-गिर्द केंद्रित रहा कांग्रेस का प्रचार

कांग्रेस का प्रचार पूरी तरह से पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के इर्द-गिर्द केंद्रित रहा। उन्होंने 147 रैलियां कीं। वहीं, राहुल गांधी ने पूरे चुनाव में सिर्फ दो सभाएं कीं। प्रियंका ने 42 रोड शो और डोर टू डोर कैंपेन भी किए। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट भी यूपी में सक्रिय रहे। राहुल ने अमेठी के जगदीशपुर और वाराणसी के पिंडरा क्षेत्र में सभाएं कीं। वहीं, भूपेश बघेल, सचिन पायलट और दीपेंद्र हुड्डा ने पश्चिमी यूपी में जनसंपर्क पर फोकस किया।

मायावती, जयंत ने की 18-18 रैलियां
बसपा सुप्रीमो मायावती ने 18 जिलों में मंडलवार रैलियां कीं। उन्होंने पंजाब व उत्तराखंड में भी एक-एक रैली की। बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने इस बार पार्टी में प्रचार की कमान संभालीं। उन्होंने सौ से ज्यादा जनसभाएं कीं। उधर, सपा के साथ गठबंधन में लड़ रहे रालोद सुप्रीमो चौधरी जयंत सिंह ने 14 जनसभाएं एवं विजय यात्रा अखिलेश यादव के साथ की। इसके अलावा अलग से 18 जनसभाएं, आशीर्वाद यात्रा व परिवर्तन रैलियां निकालीं।

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