CM योगी आदित्यनाथ ने माध्यमिक स्कूलों में 436 प्रवक्ता व सहायक शिक्षकों को दिया नियुक्ति पत्र

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में सरकारी नौकरियों में चयन के लिए अब न सिफारिश चलती है न ही लेन-देन से नौकरी पाना संभव है। प्रदेश में नौकरी पाने का एक ही पैमाना है सिर्फ वरियता। तीन साल दस महीने में पारदर्शिता से पौने चार लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 19 मार्च 2021 को जब राज्य सरकार का चार वर्ष कार्यकाल पूरा होगा तब चार लाख युवाओं को सरकारी नौकरी का सपना भी पूरा हो जाएगा।

मुख्यमंत्री ने मंगलवार को अपने सरकारी आवास पर आयोजित कार्यक्रम में माध्यमिक शिक्षा विभाग के राजकीय विद्यालयों के लिए चयनित 436 सहायक अध्यापकों और प्रवक्ताओं को नियुक्ति पत्र वितरित किए। पांच जिलों के चयनित अभ्यर्थियों को मुख्यमंत्री ने नियुक्ति पत्र एवं पदस्थापन पत्र प्रदान किया, जबकि शेष चयनित अभ्यर्थियों को ऑनलाइन नियुक्ति पत्र जारी किया गया। उन्होंने कहा कि बीते पौने चार साल में करीब 15 लाख युवाओं को सीधे तौर पर नौकरियां दी गई है। वहीं डेढ़ करोड़ युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के दौरान हुई सरकारी भर्तियों में शुचिता, पारदर्शिता और गोपनीयता के प्रमाण हैं। एक भी चयन पर सवाल या संदेह नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं और साक्षात्कार के बाद जो युवा अपनी प्रतिभा, क्षमता और मेहनत के बल पर सफल हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षक की सेवा महज 6 से 8 घंटे की नहीं होती, बल्कि शिक्षक जीवनपर्यंत शिक्षक ही होता है।

उन्होंने कहा कि भविष्य के भारत की नींव यही शिक्षक अपनी कक्षाओं में रखेंगे। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने माध्यमिक शिक्षा विभाग की उपलब्धियों की जानकारी दी। कार्यक्रम में विभाग की राज्यमंत्री गुलाबदेवी, अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला, नवनीत सहगल, निदेशक विनय कुमार पांडेय सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।इतनी पारदर्शिता की उम्मीद नहीं थीमुख्यमंत्री ने अयोध्या, वाराणसी, चित्रकूट और महराजगंज के चयनित शिक्षकों से संवाद किया। चयनित अभ्यर्थियों ने कहा कि भर्ती परीक्षा में इतनी पारदर्शिता की उम्मीद नहीं थी। उन्होंने मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताते हुए कहा कि ऐसा पहली बार हो रहा है जब अभ्यर्थियों को उनकी पसंद से स्कूलों में नियुक्ति मिल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीखने की कोई सीमा नहीं होती। शिक्षक होने के बाद भी हमें हमेशा कुछ नया अभिनव सीखते-पढ़ते रहना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि शिक्षा व्यवस्था महज किताबी न रहे, बल्कि व्यवहारिक बने।

योगी ने पूछा, भवत्या: नाम किम्प्रवक्ता पद के चयनित अभ्यर्थियों से संवाद के दौरान मुख्यमंत्री ने एक महिला अभ्यर्थी से संस्कृत में संवाद करते हुए पूछा कि भवत्या: नाम किम्? संस्कृत विषय की प्रवक्ता पद पर चयनित वाराणसी की अपर्णा पांडेय ने भी संस्कृत में जवाब देते हुए कहा मम् नाम अपर्णा। मुख्यमंत्री ने अपर्णा से कालिदास रचित कुमारसम्भवम पर उनके द्वारा लिखित टीका के बारे में जानकारी ली।

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