प्रधानमंत्री की सुरक्षा चूक के लिए कांग्रेस को माफ नहीं किया जा सकता: राजनाथ

देहरादून। पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक का मुद्दा अब गर्म हो गया है। भाजपा लगातार इसके लिए कांग्रेस और पंजाब की सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है। इसी कड़ी में आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी पंजाब सरकार पर जमकर हमला बोला। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साफ तौर पर कह दिया कि कांग्रेस को गंभीर चूक के लिए माफ नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री देश का प्रतिनिधित्व करते हैं और उनका कार्यालय एक ऐसी संस्था होती है जिसका सभी को सम्मान करना चाहिए। पंजाब की कांग्रेस सरकार पर हमला करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि यदि हम प्रधानमंत्री जैसे संस्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकते तो देश के लोकतांत्रिक संस्थानों के विघटन को रोकना कठिन होगा।

उत्तरकाशी में भाजपा के विजय संकल्प यात्रा के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि पंजाब में कांग्रेस सत्ता में है। लेकिन क्या हम ऐसे चुके की कल्पना कर सकते थे जो कि कल प्रधानमंत्री के साथ पंजाब में हुआ है। उन्होंने कहा कि मैं भी मुख्यमंत्री रह चुका हूं, हमने इस तरह की घटिया राजनीति को कभी भी स्वीकार नहीं किया। उन्होंने लोगों से पूछा कि उन्होंने लोगों से पूछा कि पंजाब में प्रधानमंत्री की सुरक्षा के साथ जो हुआ उसके लिए क्या कांग्रेस को माफ किया जा सकता है? राजनाथ ने उत्तराखंड के लिए कांग्रेस के प्रचार समिति के प्रमुख हरीश रावत पर हमला किया जिन्होंने कहा था कि मोदी राज्य में ‘‘मार्केटिंग’’ के लिए आते रहते हैं। 

सिंह ने पूछा, “यदि यह सच है, तो आप उस गुफा में ध्यान करने का साहस क्यों नहीं जुटा पाए? हालांकि, सिंह ने रावत का नाम नहीं लिया बल्कि कहा कि एक पूर्व मुख्यमंत्री हैं जो फिर से मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मैंने हमारे किसी भी प्रधानमंत्री के विरूद्ध कभी भी निराधार आरोप नहीं लगाए, चाहे वह जवाहरलाल नेहरू हों, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, मनमोहन सिंह या देवेगौड़ा हों क्योंकि प्रधानमंत्री कार्यालय एक लोकतांत्रिक संस्था है जिसका सबको सम्मान करना चाहिए।” कांग्रेस के इस आरोप पर कि भाजपा ने उत्तराखंड में दो मुख्यमंत्रियों को बदल दिया है, सिंह ने कहा कि पार्टी के सभी मुख्यमंत्रियों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा, “अगर हम किसी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार पेश करके चुनाव लड़े होते, तो हम उसे नहीं बदलते। पार्टी ने चुनाव लड़ा और जिसे भी उसने मुख्यमंत्री के पद के उपयुक्त समझा उसे मुख्यमंत्री बनाया। यह पार्टी का आंतरिक मामला है।”

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