सड़क पर उतरी कांग्रेस-जदयू, कहा- नए भवन की जरूरत नहीं

नए संसद भवन के उद्घाटन के मुद्दे पर बिहार में सियासी संग्राम जारी है। राजद ने एक ताबूत की तस्वीर  के साथ नए संसद भवन की तुलना करते हुए लिखा कि ये क्या है? इसी बीच जदयू और कांग्रेस के नेता भी सड़क पर उतर गए। दोनों दलों के नेताओं ने पैदल मार्च किया। कांग्रेस के नेताओं ने बोरिंग रोड से हाईकोर्ट अंबेडकर मूर्ति तक विरोध मार्च किया। कांग्रेस नेताओं ने प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह, मदन मोहन झा समेत कई वरीय नेता शामिल थे। मार्च के बाद कांग्रेस नेता धरने पर बैठ गए। वहीं जदयू नेताओं ने प्रदेश कार्यालय से अम्बेडकर गोलंबर तक पैदल मार्च किया। इसके बाद बाबा साहेब की मूर्ति के नीचे अनशन पर बैठ गए। जदयू के मार्च में राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा समेत कई वरीय नेता और कार्यकर्ता शामिल थे। दोनों दल के नेता नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित नहीं किए जाने का विरोध कर रहे हैं। 

ललन सिंह बोले-  हम भाजपा के हर काम का विरोध करेंगे
जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी देश का इतिहास बदलना चाहते हैं। लेकिन, भाजपा और उनकी मनसा कभी सफल नहीं होगी। कर्नाटक के बाद लोकसभा 2024 और बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में जनता इसका जवाब देगी। ललन सिंह ने कहा कि आनेवाले दिनों में हम भाजपा के हर काम का विरोध करेंगे। ललन सिंह ने कहा कि नए संसद भवन का निर्माण की कोई जरूरत नहीं थी। और अगर नया संसद भवन बना ही लिया तो इसका उद्घाटन करने का अधिकार सिर्फ राष्ट्रपति को ही है। हर साल संसद सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति लोकसभा और राज्यसभा का संबोधन करते हैं। महामहिम राष्ट्रपति को आदिवासी महिला हैं। उन्हें उम्मीदवार बनाया गया था, तब भारतीय जनता पार्टी के सभी नेता मोदी को आदिवासी प्रेम के साथ जोड़ कर प्रचारित किया था। देश में अघोषित इमरजेंसी है।

सम्राट बोले- जो विरोध कर रहे हैं, वह भारत तोड़ने वालों में से एक हैं
पटना में जदयू और कांग्रेस के प्रदर्शन पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि स्वाभाविक है। यह लोग राजसत्ता में 18 साल से हैं। इन 18 साल में जो राज भोगा है, थोड़ा सा उपवास करेंगे तो शरीर ठीक हो जाएगा। यह लोग भारत को तोड़ने वालों में से हैं। भारत की बात करनी चाहिए। यह पार्टी की चर्चा नहीं है। नए संसद भवन पर उन्होंने कहा कि यह भारत का संविधान और 140 करोड़ भारत वासियों के गौरव का यह इमारत है। इस इमारत की जो खिलाफत कर रहे हैं, वह भारत को तोड़ने की बात कह रहे हैं।

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