मेरठ में बोले सीएम योगी-खेल विश्वविद्यालय का जल्द शुरू होगा निर्माण

मेरठ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरठ में टोक्यो पैरा-ओलम्पिक कार्यक्रम के दौरान कहा कि खेल से जुड़े हमारे प्रदेश के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन से देश का मान बढ़ाने वाली खेल प्रतिभाओं को सम्मान दिया। मैं सर्वप्रथम 1857 की क्रांति का बिगुल फूंकने वाली मेरठ की इस क्रांति की धरा को नमन करता हूं।

प्रदेश सरकार मेरठ में बनाएगी स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम मेरठ में एक स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनाने जा रहे हैं। मेरठ में बनने वाले खेल के सामानों की अपनी विशिष्ट गुणवत्ता है। इसकी न केवल देश बल्कि दुनिया में व्यापक डिमांड है। वर्ष 2018 के उपरांत इस क्षेत्र में आई तीव्रता अभिनंदनीय है.

टीम वर्क का एक बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत करते हुए गौतमबुद्धनगर के डीएम सुहास एल ने जो प्रदर्शन टोक्यो पैरा-ओलम्पिक में किया। वह अत्यंत सराहनीय व अभिनंदनीय है।

यूपी सरकार दिव्यङ्ग खिलाड़ियों को देगी सम्मान

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी सरकार ने दिव्यांग खिलाड़ियों को सम्मानित करने का निर्णय लिया है। ओलम्पिक व पैरा-ओलम्पिक खेलों में प्रदेश के पदक विजेताओं को स्वर्ण पर ₹06 करोड़, रजत पर ₹04 करोड़ व कांस्य पर ₹02 करोड़ की सम्मान राशि दी जा रही है.

अपनी दिव्यांगता को दरकिनार को करते हुए इन खिलाड़ियों ने जो टोक्यो पैरालिंपिक में प्रदर्शन किया है उससे जाहिर होता है कि खिलाड़ी देश के लिए खेलता है और आज ऐसे खिलाड़ियों का सम्मान गौरव का विषय है।

मेरठ की जब बात होती है तब खेल उत्पाद के लिए भी जाना जाता है। एक जनपद एक उत्पाद की योजना शुरू हुई है। यह अर्थव्यवस्था को गति देगा। मेरठ का चयन बड़े शोध के बाद खेल में किया गया।

मेरठ में जो खेल उत्पाद बनते हैं उनकी गुणवत्ता अलग है। हर सांसद निमंत्रण दे रहे हैं कि सांसद खेल प्रतियोगिता में मंत्री जरूर आएं। प्रधानमंत्री का यह कदम सराहनीय है।

केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने मिलकर अब तक प्रदेश में 71 खेल मैदान दिए हैं। पूर्व में प्रदेश व देश में पदक जीतने पर सामान्य खिलाड़ियों को ही सम्मान दिया जाता था, लेकिन हमारी सरकार ने प्रदेश समेत देश के पैरा खिलाड़ियों को भी सम्मान देने का फैसला किया।

भारत के पैरालंपिक दल में आठ खिलाड़ी उत्तर प्रदेश से थे। पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वालों को 2 करोड़, रजत को डेढ़ करोड़ और कांस्य पदक को एक करोड़ और प्रतिभागी 25 लाख की पुरस्कार राशि आज प्रदान की जा रही है।

सीएम ने कहा कि सभी प्रशिक्षक को भी 10 लाख रुपये दिए जाएंगे। साढ़े चार साल में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम किया है। दो अंतरराष्ट्रीय खेल स्टेडियम बनाए। 11 वेटलिफ्टिंग हाल बनाए। 44 छात्रावास संचालित किए।

तीन खेल कॉलेज लखनऊ, इटावा व गोरखपुर में संचालित किए जा रहे हैं। खेल महत्वपूर्ण होता है। शारीरिक दिव्यांगता को दरकिनार करके खेला यह अभिनंदनीय है। मेरठ में खेल यूनिविर्सिटी बन रही है जो प्रदेश के साथ देश भर के खिलाड़ियों के लिए नई दिशा तय करेगा। मेरठ में बन रही पहली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का नाम भी हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद्र के नाम पर होगा।

सीएम ने कहा कि मेरठ में खेल उत्पादों की अपनी एक गुणवत्ता है और ना केवल देश के अंदर बल्कि दुनिया के अंदर भी उसकी मांग है। शासन स्तर पर उसे जो प्रोत्साहन मिलना चाहिए था, उसकी कमी पहले दिखाई देती थी। 2018 के बाद उसमें जो तेजी आई, वह सराहनीय है।

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