भारत में कोरोना के चलते मरने वालों के आंकड़ों में एक हैरान करने वाला मोड़ उस समय आया जब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में कोरोना से हुई मौत का आंकड़ा पेश किया। हुआ यह कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना से मरने वालों का जो आंकड़ा जारी किया है उसमें और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों में काफी फर्क है। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के इन आंकड़ों पर केंद्र सरकार की तरफ से ऐतराज भी जताया गया है।
दरअसल, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना की वजह से हुई मौतों को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। उस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कोरोना की वजह से 47 लाख से ज्यादा लोगों ने जान गंवाई है। वहीं भारत का जो आधिकारिक आंकड़ा है, वो पांच लाख से कुछ ज्यादा का है। ऐसे में भारत सरकार ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि यह आकंड़े ठीक नहीं हैं।
केंद्र सरकार की तरफ जारी बयान में बताया गया है कि भारत की आपत्तियों के बावजूद भी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पुरानी तकनीक और मॉडल के जरिए मौत के आंकड़े जारी कर दिए हैं, भारत की चिंताओं पर सही तरीके से गौर नहीं किया गया। सरकार ने इस बात पर भी जोर दिया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जो आंकड़े जारी किए गए हैं वो सिर्फ 17 राज्यों को लेकर है।
इसके अलावा सरकार ने इस बात पर भी आपत्ति दर्ज करवाई कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मैथमेटिकल मॉडल का इस्तेमाल कर आंकड़े जुटाए, जबकि भारत द्वारा हाल ही में विश्वनीय CSR रिपोर्ट जारी की गई। सरकार को विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों और मौतें गिनने की पूरी प्रक्रिया पर ऐतराज है। कहा गया कि इस्तेमाल किए गए मॉडलों की वैधता और मजबूती और डेटा संग्रह की कार्यप्रणाली संदिग्ध थी।
फिलहाल विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह आकलन जिस मेथड से दिया है उसे एक्सेस डेथ कहा जाता है। इस मेथड में महामारी से जूझने वाले क्षेत्र की मृत्यु दर के आधार पर आकलन किया जाता है कि कितने लोगों की मौत हुई होगी।