प्रदेश सरकार ने निजी अस्पताल प्रबंधनों से बिस्तरों की क्षमता के बारे में जानकारी मांगी है। 20 या इससे अधिक बिस्तर क्षमता होने पर अस्पतालों में मरीज भर्ती किए जा सकते हैं। सरकारी अस्पतालों में कोरोना वार्ड पैक होने पर नए मरीज निजी अस्पतालों में शिफ्ट किए जाएंगे।
हिमाचल प्रदेश के 65 निजी अस्पतालों में भी कोरोना मरीज भर्ती होंगे। आने वाले दिनों में अगर मरीजों की संख्या बढ़ती है तो इन अस्पतालों में भी मरीजों का निशुल्क उपचार होगा, क्योंकि इन अस्पतालों को भुगतान सरकार करेगी। स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पताल प्रबंधनों को पत्र भेजकर अस्पताल में बिस्तर क्षमता के बारे में पूछा है। 20 या इससे अधिक बिस्तर क्षमता होने पर इन अस्पतालों में कोरोना मरीजों को भर्ती किया जा सकता है। सरकारी अस्पतालों के कोरोना वार्ड पैक होने की स्थिति में नए आने वाले मरीजों को अस्पताल प्रशासन ने निजी अस्पतालों के लिए शिफ्ट करेगा।
हिमाचल में इस समय 36 हजार से ज्यादा कोरोना के एक्टिव मामले हैं। इनमें से ज्यादातर मरीज घरों में आइसोलेट हैं, लेकिन गंभीर होने पर अस्पताल पहुंच रहे हैं। इसके अलावा सरकारी अस्पतालों के कोरोना वार्ड मरीजों से भरे पड़े हैं। मेडिकल कॉलेजों में अतिरिक्त बेड लगाए जा रहे हैं। कॉलेज प्रशासन मरीजों को शिफ्ट करने से मना कर रहे हैं।
मौत पर नहीं लग रहा अंकुश
हिमाचल में कोरोना मरीजों की मौतों पर अंकुश नहीं लग रहा है। जिला कांगड़ा में इस समय सबसे ज्यादा करीब 650 मरीजों की मौत हो चुकी है, जबकि जिला शिमला में 461 मरीज दम तोड़ चुके हैं।
अगर कोरोना के मामले बढ़ते हैं तो निजी अस्पतालों में भी कोरोना के मरीज भर्ती किए जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग को तैयारियां करने को कहा है। तीन-चार दिन से कोरोना मरीजों की संख्या कम और ठीक लोगों की संख्या ज्यादा हो रही है।