ईडी की परंपरा से पॉलिटिकल लोगों को परेशान करने की संस्कृति बंद होनी चाहिए: अखिलेश

बस्ती. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव बस्ती पहुंचे. उन्होंने पूर्व विधायक स्वर्गीय जितेंद्र चौधरी को श्रद्धासुमन अर्पित किऐ और उसके बाद कैंसर पीड़ित सपा कार्यकर्ता याकूब के गांव रामपुर पहुंच कर हालचाल जाना. सपा अध्यक्ष ने राहुल गांधी से ईडी द्वारा की जा रही पूछताछ के सवाल पर कहा कि जितने भी हम राजनीति करने वाले लोग हैं. इन को परीक्षा देनी पडती है. जैसे दसवीं की बारहवीं की परीक्षा होती है, उसी तरह ईडी भी एक परीक्षा है. ये जो परीक्षा है वो डेमोक्रेसी की परीक्षा है. सोचिए ये परीक्षा डेमोक्रेसी में हो रही है और इस तरह सरकारें हमेशा करती हैं.

अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भी यही हाल है. लेखपाल, तहसीलदार और एसडीएम मिल जाएं तो आप का घर गिरा देंगे. किसी की भी जमीन किसी के नाम पर चढा देंगे. आप का एसओ से अच्छा सम्बंध हो, अच्छी मिठाई खिलाते हों तो किसी पर भी मुकदमा लिखवा सकते हैं. ईडी की परम्परा से जिस तरह से पालिटिकल लोगों को हरेस किया जा रहा ये संस्कृति बंद होना चाहिए. अगर कभी कांग्रेस ने किया है तो बीजेपी को उस का उदाहरण नहीं बनना चाहिए.

वहीं नुपुर शर्मा के बयान पर मचे बवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि हम सब जानते हैं कि जो सच्चा हिंदू होगा कभी किसी के धर्म के खिलाफ नहीं बोलेगा. एक सच्चा हिंदू कभी भी किसी के भगवान या पूजने वाले या पैगम्बर के खिलाफ नहीं बोल सकता. न तो हमारी संस्कृति इस की अजादी देती है कि हम किसी को अपमानित करें. किसी के धर्म के खिलाफ बोलें. जब हमारा धर्म, कानून व संविधान इस बात की इजाजत नहीं देता तो बीजेपी अपने प्रवक्ताओं पर कार्रवाई क्यों नहीं करती?

कानून व्यवस्था पर हमला बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि लॉ अलग फेंक दिया है और आर्डर अलग चल रहा है. यूपी में सबसे ज्यादा कस्टोडियल डेथ हो रही हैं. सबसे ज्यादा ह्युमनराइट कमीशन की नोटिस मिल रही हैं. अनुसूचित जनजाति के लोगों के साथ सबसे ज्यादा अत्याचार हो रहा है. यूपी में महिलाओं के साथ सबसे ज्यादा उत्पीड़न हो रहा है. लॉ एंड आर्डर केवल दिखावा है.

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