चक्रवात यास का कहर शुरू, बंगाल के हालिशहर में 40 से अधिक घर क्षतिग्रस्त

पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तटीय इलाकों में चक्रवाती तूफान यास अब खतरा के रूप में तब्दील हो रहा है। मौसम विभाग के अनुसार 24 घंटे में यह चक्रवात गंभीर तूफान में तब्दील हो सकता है। इन सबके बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया कि तूफान यास के चलते दो घटनाएं घटित हुई हैं। हालिशहर में 40 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि पांडुआ में करंट लगने से फिलहाल 2 लोगों की मौत की खबर है। चिनसराह में भी कुछ घर क्षतिग्रस्त होने की खबर है। चक्रवात यास के मद्देनजर तटीय इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। एनडीआरएफ की टीम मुस्तैदी से काम कर रही है।

इसके चलते पश्चिम बंगाल और ओडिशा सरकार ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जोखिम वाले क्षेत्रों से लाखों लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। पड़ोसी राज्य झारखंड ने भी अलर्ट जारी किया है और चक्रवात के प्रभाव के मद्देनजर तैयारी की जा रही है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि उनके प्रशासन ने नौ लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। वहीं, ओडिशा सरकार का कहना है कि उसने सुरक्षा को देखते हुए तटीय जिलों से दो लाख से अधिक लोगों को निकाला है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि ‘यास’ के मंगलवार शाम तक बहुत भीषण चक्रवाती तूफान में बदलने की और चांदबाली में सबसे ज्यादा नुकसान की आशंका है। उन्होंने कहा कि चक्रवात के दस्तक देने के छह घंटे पहले और बाद तक इसका गंभीर असर देखने को मिलेगा।

क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र, भुवनेश्वर के वैज्ञानिक डॉ उमाशंकर दास ने बताया कि चक्रवात ओडिशा के भद्रक जिले में धमरा और चांदबाली के बीच टकराने का अनुमान है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाल में इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए 74,000 से अधिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अलावा दो लाख से अधिक पुलिसकर्मियों एवं नागरिक स्वयसेवकों को तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) कर्मियों को तैनात किया गया है और आवश्यकता पड़ने पर सेना की भी मदद ली जाएगी। बनर्जी ने कहा, हमने नौ लाख लोगों को राहत एवं बाढ़ केंद्रों में पहुंचाया है। राज्य में ऐसे 4000 केंद्र हैं। हम 24 घंटे हालात पर नजर बनाए हुए हैं। निगरानी के लिए प्रत्येक ब्लॉक में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। 

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