बिहार में मौत का आंकड़ा एक दिन में 73 फिसदी बढ़ा, अब तक 5424 नहीं, 9375 लोगों की गई जान

कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान बिहार में मौतों के आंकड़ों पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। लोगों को आशंका थी कि मृतकों के आंकड़ों में घालमेल है। खुद पटना हाईकोर्ट ने कई बार सरकार को आंकड़ों में भारी अंतर को लेकर लताड़ भी लगाई है। बक्सर में गंगा किनारे लाशें मिलने का मामला हो या पटना के श्मशान घाटों पर जल रही लाशों की संख्या..हर बार सरकारी आंकड़े संदेह के घेरे में थे। आखिरकार, अब सरकार ने ही इससे पर्दा उठाया।

बिहार की नीतीश सरकार ने अब मान लिया है कि कोरोना से हुई मौतों के आंकड़ों में भारी गड़बड़ी हुई है। बिहार के स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बुधवार को बताया कि अब तक मौतों का जो आंकड़ा 5424 बताया गया था, वो गलत है जबकि असली आंकड़ा 9375 (7 जून तक) है।

दरअसल,बिहार में कोरोना से हो रही मौतों को लेकर उठ रहे सवालों से तंग आकर 18 मई को  राज्य सरकार ने आंकड़ों की जांच कराने का निर्णय लिया था। इसके लिए दो तरह की टीमें बनाई गई थीं, जिनकी जांच रिपोर्ट में ये लापरवाही सामने आई है।

कार्रवाई के नाम पर साधी चुप्पी
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिलों में कराई गई जांच से पता चला कि कोरोना से मौत के आंकड़ों में घोर अनियमितता बरती गई। प्रत्यय अमृत ने माना कि इस संवेदनशील मामले में काफी असंवेदनशीलता की गई है। उन्होंने ऐसी लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई करने की बात तो कही, लेकिन अब तक कितने लोगों पर कार्रवाई हुई, इस सवाल पर चुप्पी साध ली। 
लापरवाही पर तर्कों का ‘परदा’
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने कोरोना से हुई मौतों के आंकड़ों में पकड़ी गई घोर लापरवाही पर कुछ तर्क भी दिए। उन्होंने बताया कि कई सारे लोगों की मौत होम आइसोलेश में हुई। काफी लोग संक्रमित होने के बाद दूसरे जिलों में चले गए, जहां उनकी मौत हो गई। कुछ लोगों की मौत अस्पताल जाने के क्रम में हुई, तो कुछ मौतें पोस्ट कोविड भी हुई। इस कारण मौतों का सही आंकड़ा नहीं मिल पाया।

जिलों से भेजा गया मृतकों का गलत आंकड़ा 
बिहार सरकार हर दिन कोरोना से होने वाली मौत का आंकड़ा जारी कर रही थी। सरकार के पास जिलों से रिपोर्ट भेजे जा रहे थे, उन्हें जोड़ कर मौत का पूरा आंकड़ा जारी किया जा रहा था। अब सरकारी जांच में पता चला कि जिलों से मृतकों की, जो संख्या भेजी जा रही थी, उसमें बड़े पैमाने पर हेरा-फेरी की गई। जिलों ने मृतकों की सही संख्या भेजी ही नहीं। लिहाजा, गलत आकंड़े जारी किए गए।
 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here