दिल्ली केस: मैं वापस आऊंगी, अस्पताल से निकलते हुए बोलीं स्वाति मालीवाल

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल दिल्ली के उस अस्पताल में धरने पर बैठीं थी, जहां नाबालिग लड़की को भर्ती कराया गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस गुंडागर्दी कर रही है। वे ना तो मुझे लड़की से मिलने दे रहे हैं और ना ही उसकी मां से मिलने दे रहे हैं। इसके बाद मंगलवार को दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल अस्पताल से निकल गईं। दुष्कर्म पीड़िता से मुलाकात करने की इजाजत न मिलने पर स्वाती मालीवाल काफी नाराज हैं।

स्वाती मालीवाल ने कहा कि ‘एक दिन हो गया है, लेकिन उन लोगों ने मुझे दुष्कर्म पीड़िता से मिलने से नहीं दिया। दिल्ली पुलिस गुंडों की पुलिस है। वो दुष्कर्म के आरोपी को गिरफ्तार करने लायक नहीं है। मैं लड़की से मिलकर यह समझना चाहती थी कि वो किसी के दबाव में तो नहीं है। मैं उसे मुआवजे और कानूनी मदद देना चाहती थी।’  उन्होंने कहा कि ‘दिल्ली के दो अलग-अलग इलाकों में बड़े अपराध हुए हैं। पीड़ित मेरा इंतजार कर रहे हैं। मैं दोबारा आऊंगी और पीड़िता और उसकी मां से मिलूंगी। ‘

मुझे समझ नहीं आ रहा कि दिल्ली पुलिस मुझसे क्या छिपाना चाहती है। मुझे बताया गया है कि NCPCR अध्यक्ष को लड़की की मां से मिलने की अनुमति दी गई थी। जब NCPCR अध्यक्ष लड़की की मां से मिल सकते हैं, तो DCW प्रमुख को इसकी अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है?

पुलिस ने किशोरी से नहीं मिलने दिया, धरने पर बैठीं मालीवाल
आपको बता दें कि महिला एवं बाल विकास विभाग में उपनिदेशक प्रेमोदय खाका के किशोरी से दुष्कर्म के मामले में सोमवार को दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल व दिल्ली पुलिस में टकराव हुआ। आयोग व दिल्ली पुलिस ने एक-दूसरे को अपनी ताकत दिखाई। आयोग ने एफआईआर दर्ज होने के आठ दिन बाद भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होने पर पुलिस पर सवाल खड़ा करते हुए उसे नोटिस जारी किया। 

वहीं पुलिस ने स्वाति मालीवाल को अस्पताल में भर्ती किशोरी से नहीं मिलने दिया। इसके विरोध में उन्होंने अस्पताल में धरना देना शुरू किया, जो रातभर जारी रहा। अभी भी मालीवाल धरने पर हैं। स्वाति मालीवाल ने दुष्कर्म के मामले में दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर 23 अगस्त तक कार्रवाई रिपोर्ट उपलब्ध कराने का फरमान दिया। 
 

इसके बाद वह अस्पताल में भर्ती किशोरी से मिलने गईं, लेकिन वहां सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें किशोरी से मिलने नहीं दिया। इस दौरान सुरक्षाकर्मियों व उनके बीच काफी देर तक बहस हुई, मगर उन्हें किशोरी से मिलने नहीं दिया गया। इस प्रकरण से गुस्साईं स्वाति मालीवाल ने दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाया कि वह आरोपी को बचाने में लगी हुई है। 

 इस कारण पहले आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया, वहीं अब पुलिस उनको अस्पताल में भर्ती पीड़ित किशोरी से मिलने नहीं दे रही, मगर वह हर हाल में पीड़िता से मिलेंगी और पीड़िता व परिवार को हरसंभव सहायता प्रदान करेंगी। लिहाजा वह पीड़िता से नहीं मिलने के विरोध में धरने पर बैठ रही हैं। उनसे मिलने के बाद ही वह अस्पताल से जाएंगी।

 दूसरी ओर उन्होंने इस मामले में दिल्ली सरकार से अधिकारी के खिलाफ की गई कार्रवाई का ब्योरा मांगा है। आयोग ने अधिकारी के खिलाफ पहले की गई किसी भी शिकायत का विवरण और उस पर की गई कार्रवाई की भी जानकारी उपलब्ध कराने के आदेश दिए हैं। 

 वहीं उन्होंने राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष और कुछ भाजपा नेताओं पर आरोपी को डीसीडब्ल्यूडी का कर्मचारी करार देने के मामले में झूठ फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि फर्जी खबरें फैलाने और आयोग को बदनाम करने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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