दिल्ली हाईकोर्ट: गो फर्स्ट एयरलाइंस से जुड़ी कंपनी को कारण बताओ नोटिस

दिल्ली हाईकोर्ट ने गो फर्स्ट एयरलाइंस से जुड़ी कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। अदालत ने पूछा है कि गो फर्स्ट एयरलाइंस से जुड़ी कंपनी रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल्स के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए? कंपनी पर हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना के आरोप लगे हैं। पट्टेदारों के विमानों के निरीक्षण और रखरखाव की अनुमति मामले में अदालत ने गो फर्स्ट को अहम निर्देश दिए थे। हालांकि, न्यायिक आदेश का अनुपालन नहीं हुआ। अब कंपनी को अदालत की अवमानना की कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता है।

एक याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा, 12 अक्तूबर, 2023 को पारित आदेश के पालन में हो रही परेशानी की दलील स्वीकार नहीं की जा सकती। न्यायमूर्ति तारा वितास्ता गंजू ने की पीठ ने कहा कि अदालत के आदेश को लागू करने की मांग और आदेश के कार्यान्वयन की अपील करते हुए पट्टेदार ने अवमानना याचिका दायर की है। आदेश पारित होने के लगभग पांच महीने पूरे होने का जिक्र करते हुए कोर्ट ने कहा, कानूनी कार्यवाही के इस स्तर पर पहली नजर में साफ है कि इस अदालत के आदेशों की जानबूझकर अवज्ञा की गई है। अवमानना की कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए।

सुनवाई के दौरान रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल की तरफ से पेश वकील ने अदालत को बताया कि वह विमान के रखरखाव के संबंध में वापस पुरानी स्थिति में लौटने को तैयार हैं। दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि इस मामले में अब 15 मार्च को अगली सुनवाई होगी। गौरतलब है कि पट्टादाताओं में से एक – डीएई (एसवाई22) 13 आयरलैंड डेसिगनेटेड एक्टिविटी कंपनी ने रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मांग की है। 

याचिका में आरोप लगाया गया है कि रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल विमानों का रखरखाव नहीं कर रही थी। उन्हें आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए जा रहे थे। यहां तक कि अदालत के निर्देशानुसार निरीक्षण की भी अनुमति नहीं दी जा रही थी। कई अन्य पट्टादाताओं ने भी समय-समय पर अदालती आदेशों का अनुपालन न होने जैसे मुद्दे और विवाद उठाए हैं।

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