नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में झुग्गी बस्तियों को हटाने को लेकर राजनीतिक हलकों में जोरदार बहस छिड़ गई है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) का कहना है कि यह कार्रवाई न्यायालय के आदेश के तहत की जा रही है, वहीं आम आदमी पार्टी (AAP) ने इसे गरीबों के साथ अन्याय बताते हुए कहा है कि "जहां झुग्गी, वहां मकान" का वादा केवल एक छलावा बनकर रह गया है।

AAP का आरोप: बीजेपी का वादा खोखला साबित

AAP दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा करते हुए BJP सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि राजधानी में कई स्थानों पर झुग्गियों को तोड़ा जा रहा है और अब प्रशासन पुलिस की मदद से गरीबों की आवाज को दबाने का प्रयास कर रहा है।

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वीडियो में आप विधायक सोमनाथ भारती भी नजर आए, जो ध्वस्तीकरण स्थल पर पुलिस से बहस करते हुए कह रहे हैं, "अगर किसी को गिरफ्तार करना है तो मुझे कीजिए, लेकिन गरीबों के साथ अन्याय मत कीजिए।" भारद्वाज ने कहा कि AAP इस मुद्दे को सड़क से लेकर संसद तक उठाएगी।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का बयान

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने जवाब देते हुए कहा कि ध्वस्तीकरण अदालत के निर्देशों के तहत हुआ है और प्रशासन कोर्ट के आदेशों की अवहेलना नहीं कर सकता। उन्होंने दावा किया कि जिन निवासियों को हटाया गया है, उन्हें विकल्प के तौर पर आवास प्रदान किया गया है।

रेखा गुप्ता ने बताया कि बारापुला नाले के पास मद्रासी कैंप इलाके में बीते कुछ दिनों में चार बार ध्वस्तीकरण अभियान चलाया गया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बिना वैकल्पिक आवास की व्यवस्था किए किसी भी बस्ती को नहीं हटाया जाएगा।

AAP नेताओं का स्थल दौरा

इस बीच AAP सांसद संजय सिंह और सौरभ भारद्वाज ने मद्रासी कैंप इलाके का दौरा किया और विस्थापित झुग्गीवासियों से मुलाकात की। पार्टी ने आरोप लगाया कि जिन लोगों को हटाया गया है, उन्हें नरेला जैसे दूरदराज इलाके में भेजा गया है, जहां बुनियादी सुविधाएं तक मौजूद नहीं हैं।

राजनीतिक तापमान बढ़ा

झुग्गियों के ध्वस्तीकरण को लेकर राजधानी का राजनीतिक माहौल गरमा गया है। जहां भाजपा इसे कानूनन अनिवार्य कार्रवाई बता रही है, वहीं आम आदमी पार्टी इसे गरीब विरोधी नीति करार दे रही है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा और भी तूल पकड़ सकता है।