दिल्ली: खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मिलने पहुंचे प्रदर्शन कर रहे रेसलर्स

खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से देर रात पहलवान मिलने पहुंचे हैं। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बबीता फोगाट और बजरंग पुनिया समेत कई पहलवान मिलने पहुंचे हैं। इससे पहले मीडिया से बात करते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा था कि सरकार ने खेलों में बहुत काम किया है। खेल के हित में सरकार ने कई अहम कदम उठाए हैं। उन्होंने बृजभूषण सिंह पर लगे आरोपों पर कहा कि जो भी उचित कार्रवाई होगी, की जाएगी। खेल हित में और खिलाड़ियों के हित में फैसला लेंगे। मैं दिल्ली जा रहा हूं। खिलाड़ियों से बात करूंगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने कुश्ती संघ से जवाब मांगा है। ठाकुर ने कहा कि खिलाड़ियों के आरोप काफी गंभीर हैं।

वहीं, देश के शीर्ष पहलवानों ने गुरूवार को अपना विरोध तेज करने की बात करते हुए कहा कि सरकार ने उन्हें सिर्फ आश्वासन दिया है, कोई ‘संतोषजनक जवाब नहीं’ और अगर भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को तुरंत प्रभाव से भंग नहीं किया गया तो वे डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज करायेंगे। पहलवानों ने जंतर मंतर पर लगातार दूसरे दिन धरना जारी रखा और उनके साथ और भी पहलवान शामिल हुए जिन्होंने इसे ‘भारतीय कुश्ती को नया जीवन देने’ की लड़ाई करार दिया। ये डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं जिन पर यौन उत्पीड़न और धमकाने के आरोप लगाये गए हैं।

तीन बार राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता और भाजपा नेता बबीता फोगाट बृहस्पतिवार को सरकार की ‘संदेशवाहक’ बनी और धरने पर बैठे पहलवानों को उनकी मांगे पूरी करने का आश्वासन दिया जो भारतीय कुश्ती महासंघ को भंग करने की मांग कर रहे हैं। पहलवानों ने अपने बुरे अनुभव भी साझा किये। तोक्यो ओलंपिक के रजत पदक विजेता रवि दहिया ने और अधिक समर्थन की गुहार लगायी जबकि युवा अंशु मलिक ने बताया कि पिछले साल डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष की बुल्गारिया में विश्व जूनियर चैम्पियनशिप के दौरान खिलाड़ियों के होटल में मौजूदगी ने महिला पहलवानों को किस तरह असहज कर दिया था। गौरतलब है कि 21 वर्षीय अंशु ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लिया था क्योंकि वह चोटिल थीं।

पहलवानों की टीम को फिर सरकार से बैठक के लिये बुलाया गया जिसमें तीन बार की राष्ट्रमंडल चैम्पियन विनेश फोगाट और ओलंपिक कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया तथा साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कांदियान शामिल थे। इन सभी ने अपने मुद्दों पर खेल सचिव सुजाता चतुर्वेदी, भारतीय खेल प्राधिकरण के महानिदेशक संदीप प्रधान और संयुक्त सचिव (खेल) कुणाल से भी चर्चा की। एक घंटे तक चली बैठक में पहलवानों से विरोध प्रदर्शन खत्म करने को कहा गया और आश्वासन दिया गया कि उनकी शिकायतों का हल निकाला जायेगा। हालांकि पहलवान ठोस और तत्काल कार्रवाई चाहते थे और उन्होंने अपना विरोध तब तक जारी रखने का फैसला किया जब तक डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष को पद से हटा नहीं दिया जाता और राष्ट्रीय महासंघ को देश में उसके सभी राज्य कुश्ती संघ के साथ भंग नहीं कर दिया जाता।

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